पटवारियों की तबादला नीति जारी, गृह जिले में पदस्थ नहीं हो सकेंगे पटवारी, लोकायुक्त प्रकरण वाले पटवारी होंगे अपात्र
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: May 7, 2025, 7:47 pm

भोपाल। मध्य प्रदेश में राजस्व विभाग ने पटवारियों के लिए अलग तबादला नीति जारी की है। इसमें कहा है कि पटवारी का पद जिला स्तरीय संवर्ग का होने के कारण यह नीति जारी की जा रही है। जिले में स्वीकृत पदों से अधिक एवं आरक्षण नियमों के विपरीत पदस्थापना नहीं की जाएगी। इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तबादला नीति जारी कर चुका है।
इस नीति के अंतर्गत पटवारी परीक्षा 2022 के 16 फरवरी 2024 को घोषित रिजल्ट के पूर्व के नियुक्त पटवारी ही अंतर्जिला संविलियन के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे पटवारी जिनके विरुद्ध लोकायुक्त आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं। वह तबादले के लिए अपात्रता की श्रेणी में आएंगे।
पटवारी को एक बार जिला आवंटित हो जाने पर उसे उस जिले में उपस्थिति देनी ही होगी। जिस जिले में संविलयन चाहा गया है, उस जिले में संबंधित वर्ग के रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में ही संविलयन किया जाएगा। आरक्षण के प्रावधानों एवं जिला आरक्षण रोस्टर के परिपालन में ही संविलयन किया जा सकेगा।
ऐसे आवेदन कर सकेंगे पटवारी—
तबादले के लिए आवेदन करने वाले पटवारी आयुक्त भू-अभिलेख को ऑनलाइन प्रक्रिया के आवेदन करेंगे। आवेदन में अपनी विशिष्ट श्रेणी जैसे चयन का वर्ग एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, अनारक्षित तथा उपवर्ग ओपन, महिला, भूतपूर्व सैनिक दिव्यांग की स्थिति बतानी होगी। तबादले के लिए कोई ऑफलाइन दस्तावेज स्वीकार नहीं होंगे। जिले के पटवारियों के ऑनलाइन आवेदन में दी गई जानकारी का सत्यापन जिला कलेक्टर द्वारा ऑनलाइन ही किया जाएगा। आवेदन पत्रों की जांच के बाद संविलियन के लिए पात्र और अपात्र आवेदकों की सूची आयुक्त भू-अभिलेख मप्र ‌द्वारा तैयार की जाकर विभाग को भेजी जाएगी। संविलियन आदेश राज्य शासन के अनुमोदन से आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा जारी किए जाएंगे।

फोटो— तबादला नीति को मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केबिनेट की बैठक में मंदूरी दी।

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