छुप छिनाल जैसा रोल था उप पंजीयक शेलेंद्र दंडौतिया का, भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका था, पैसों के लिए जमीन पर भी लेट जाता था रंडोलिया!
नीमच। पंजीयन विभाग में पदस्थ सब रजिस्ट्रॉर(उप पंजीयक) शैलेंद्र दंडोतिया बडा बेआबरू होकर तेज स्पीड से नीमच से चला गया है। सोमवार को उप पंजीयन कार्यालय से उप पंजीयक दंडोतिया रिलिव्ह हुआ तो कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के साथी कोचटटा बंधु भी पहुंच गए, दंडोतिया से विदाई मुलाकात का फोटो एक व्यक्ति खींचने लगा तो उसने मना कर दिया और बोला कि मैरा फोटो पेपर में छप जाएगा। कुछ देर बाद प्रापर्टी ब्रोकर से जुडे हुए व्यापारी भी पहुंच गए तो उन्हें देखकर तेज स्पीड से दंडोतिया ने दौड लगा दी। प्रापर्टी ब्रोकर पदाधिकारियों ने दंडोतिया का पीछा किया लेकिन दंडोतिया हाथ नहीं आया। व्यापारी दंडोतिया को भला—बुरा कहते हुए भाटखेडा फंटे तक गए, बोले कि पीछवाडे में पेट्रोल छिडकरते है, रूक, लेकिन दंडौतिया नहीं रूका। दंडौतिया के नीमच से रवाना होने से प्रापर्टी बाजार से जुडे हुए व्यापारी से लेकर पंजीयन विभाग कार्यालय में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों में खुशी का माहौल है और देर शाम को दीवाली से पहले उन्हें पटाखें फोडकर दीवाली मनाई।
छुप छिनाल था उप पंजीयक दंडौतिया—
उप पंजीयक शैलेंद्र दंडोतिया को भ्रष्टाचार का पैसा चाहिए था,इसलिए वह हर किसी की रजिस्ट्री रोक देता था। हर दिन उसे भ्रष्टाचारी के एक से डेढ लाख रूपए चाहिए होना थे और अकेले ही यह पैसा रख लेता था, भृत्य व बाबू तक को एक रूपया नहीं देता था। कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के लिए भी वह साईलेंट रूप से काम करता रहा। दलाल सौरभ कोचटटा से मिलकर कई विवादित रजिस्ट्रीयां की। खबर तो यहां तक है कि तस्करी से अर्जित करोडों रूपए बाबू के प्रापर्टी में दंडौतिया लगाता था। लोकायुक्त् दंडोतिया व उसके रिश्तेदारों के बैंक खातों की जांच पडताल करें तो आय से अधिक संपत्ति का मामला उजागर होगा। एक तरह से दंडोतिया छुप छिनाल था, अवैध काम की खबर एक हाथ से दूसरे हाथ को नहीं लगने देता था, पर प्रापर्टी ब्रोकर संगठन के आंदोलन के चलते दंडौतिया को नीमच से इंदौर जाना पडा।