अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: जहां पर महिलाएं जाने से डरती है, वहां अजनबी को मोक्ष प्रदान कर रही है निर्मला
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: March 7, 2025, 6:53 pm

मंदसौर। जहां पर महिलाएं जाने से डरती है वहीं समाज में भी महिलाएं का प्रवेश का जाना उचित नहीं समझा जाता है, उसी मुक्तिधाम पर अजबनी मृत आत्माओं का सहारा बनी हुई है मंदसौर की रहने वाली निर्मला देवी। निर्मलादेवी के इस साहस और अनूठी सेवा के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। 8 मार्च शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मंदसौर कलेक्टर श्रीमति आदिती गर्ग द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा।

मंदसौर की निर्मला देवी ने महिला के साहस, समर्पण व प्रेरणा की मिसाल पेश की है। निर्मला देवी मुक्तिधाम में हजारों अंतिम संस्कार करवा चुकी है। नारी तू नारायणी, शास्त्रों में उल्लिखित इन शब्दों को मंदसौर शहर की महिला अपने साहस, समर्पण व प्रेरणा से चरितार्थ कर रही है।करीब 15 साल से अधिक मुक्तिधाम में अपनी सेवाए दे रही है। एक और कई जगह महिलाए अंतिम संस्कार में जाती तक नहीं है। वहीं शहर की निर्मला देवी रोज घंटो मुक्तिधाम में ही सेवा करती हुई बिताती है। अंतिम क्रिया के लिए लकड़ी जमाना, राख समेटना सहित अन्य कार्य इनका नियमित काम है। चाहे बारिश हो या फिर ठंड। हर मौसम में सेवा के इस नेक कार्य को करती आई है।
निर्मलादेवी दो बेटों में से एक की कोरोना में व दूसरे की करीब डेढ़ साल पहले मृत्यु हो चुकी है। मंदसौर के गौरव दिवस पर भी प्रशासन ने इन्हें सम्मानित किया गया था। निर्मलादेवी बताती है कि सैकडों लोगों का अंतिम संस्कार करवा चुकी है। गिनती याद नहीं है। मुक्तिधाम में दिवंगत आत्माओं को मोक्ष मिल जाएं, यही उनका ध्येय है।
मंदसौर कलेक्टर आदिती गर्ग ने बताया कि महिलाओं के लिए प्रेरणादायक के साथ ही निर्मलादेवी का काम मानव सेवा के लिए बडा योगदान देने वाला है। निर्मलादेवी की सेवा से मंदसौर ही नहीं बल्कि पूरा मध्यप्रदेश गौरवान्वित है। महिला दिवस पर निर्मलादेवी को सम्मानित किया जाएगा।

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