नीमच। पंचायतों के माध्यम से गांवों को स्वावलंबी एंव आत्मनिर्भर तथा विवाद मुक्त बनाए। गांव के विवादों को गांव में ही मिल बैठकर, पंचायतों के माध्यम से निराकृत करें।
यह बात प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिह पटेल ने गुरूवार को नीमच के टाउनहॉल में जहसहयोग से जल संवर्धन के तहत आयोजित जिले के पंच, सरपंच सम्मेलन में पंचायत पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
इस मौके पर सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक जावद ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक नीमच दिलीप सिह परिहार, विधायक मनासा अनिरूद्ध मारू, न.पा.अध्यक्ष श्रीमती स्वाति चौपडा, नीमच जनपद अध्यक्ष श्रीमती शारदा बाई धनगर, श्रीमती वंदना खण्डेलवाल एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य पवन पाटीदार भी मंचासीन थे।
मंत्री श्री पटेल ने अपने उदबोधन में कहा, कि गत वर्ष प्रदेश में 1066 सामुदायिक भवनों का निर्माण किया गया है। इस वर्ष एक हजार सामुदायिक भवन निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इन सामुदायिक भवनों के निर्माण से ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सामाजिक कार्यक्रमों, आयोजनों के लिए सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होने कहा, कि पहले पंचायतों के माध्यम से 25 लाख तक के कार्यो के निर्माण का अधिकार सरपंचों को था। अब 38 लाख तक के भवन सरपंच बना सकेंगे। उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत नीमच जिले में 1660 पुरानी जल सरंचनाओं, कुओं और बावडियों का जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं साफ-सफाई के कार्य किए गए है। नीमच जिले में जनसहयोग से जल संवर्धन के तहत 5 हजार 871 से अधिक जल संरचनाओं का गहरीकरण किया जाकर, लगभग एक लाख ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी जनसहयोग से निकाली जाकर, किसानों के खेतों में डाली गई है।
सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा, कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी है, ग्राम पंचायतें एवं पंच, सरपंच। हमारे देश, समाज में पंचों को परमेश्वर माना जाता है। ग्राम विकास में ग्राम पंचायतों और पंचायत पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी पंचायत पदाधिकारी इस भूमिका का अच्छे से निवर्हन करें और अपने क्षेत्र के गांवों का सर्वांगीण विकास करवाएं।