खंडवा, इंदौर—नीमच,मंदसौर। नीमच, मंदसौर में चर्चित रह चुकी सीएमओ सविता प्रधान इन दिनों खंडवा में चर्चाओं में है। सविता प्रधान खंडवा नगर निगम में कमिश्नर के पद पर है। नगर निगम अध्यक्ष और पार्षदों ने उन्हें हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। सविता प्रधान पर आरोप है कि जनता द्वारा चुने गए पार्षदों और मेयर की नहीं सुनती और मनमाफिक काम कर रही है। नगर निगम सम्मेलन में कमिश्नर सविता प्रधान को हटाने के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया है। सभी पार्षद और मेयर सविता प्रधान के खिलाफ लामबंद हो गए है। पूर्व में सविता प्रधान मंडला थी। वहां पर लाखों के घोटाले का मामला सामने आया था और लोकायुक्त में प्रकरण चला था। इसके बाद सीएमओ नीमच में रही और इसके बाद मंदसौर। तीनों जगह पर सीएमओ चर्चित् रही है। कहीं पर भ्रष्टाचार के मामले में चर्चा में रही तो कहीं पर मनमानी के चलते।
2021 में कमिश्नर बनकर सविता प्रधान खंडवा आई थीं। अब मेयर के साथ कमिश्नर का विवाद शुरू हो गया है। खंडवा मेयर अमृता यादव ने आरोप लगाया है कि कमिश्नर सविता प्रधान किसी की सुनती नहीं है। इसके साथ ही वह ऑफिस नहीं आती हैं। न ही पार्षदों का फोन उठाती हैं। इसकी वजह से उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। मेयर के आरोपों पर मीडिया से बात करते हुए सविता प्रधान ने कहा है कि मैं उनके पति को मेयर क्यों मानूं।
पद से हटाने के लिए निंदा प्रस्ताव पारित—
मेयर अमृता यादव ने कहा कि आयुक्त मैडम किसी की सुनती नहीं है। पार्षद फोन लगाते है तो फोन नहीं उठाना, शहरवासियों की सुनना नहीं। नगर निगम नहीं आना और घर पर किसी से मिलती नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी एमआईसी सदस्य हैं, उन्होंने मिलकर निन्दा प्रस्ताव का निर्णय लिया है। शहर ने हम पर विश्वास दिखाया है। हम चाहते हैं कि हमारे शहर में विकास कार्य हों। हम कमिश्नर से भी यही चाहते हैं कि शहर में विकास के कार्य हों। उनके सहयोग के बिना कार्य संभव नहीं है और वो सहयोग करती नहीं है। वो किसी की भी नहीं सुनती है। ऐसा नहीं है कि वो मेरे पति के नाते मीटिंग में बैठते हैं। वो खुद सांसद प्रतिनिधि हैं और उनको बैठने का पूरा अधिकार है।