नीमच। नीमच जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित भादवामाता मंदिर देश के उद्भूत तीर्थ स्थलों में शामिल है। यहां पर देवी मां की अखंड ज्योत सालों से जल रही है। भादवामाता का यह मंदिर इतना चमत्कारिक है कि यहां दर्शन मात्र से लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक देवी मां का यह मंदिर बहुत से चमत्कारों से भरा है। इसी के तहत देवी मां साक्षात भक्तों को दर्शन देने आती हैं। बताया जाता है कि देवी दुर्गा इस मंदिर में रात के समय फेरे लगाने आती हैं। देवी मां हर बार अपना रूप बदलकर आती हैं। कभी वो बुजुर्ग महिला के रूप में होती हैं, तो कभी वो कन्या एवं अन्य स्वरूप में। इस मंदिर में आने से लोगों के रोग दूर हो जाते हैं। जिन्हें कैंसर, लकवा जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं उनके दर्शन करने मात्र से कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि देवी मां उनके सिर पर आशीष देकर उन्हें रोगमुक्त कर देती हैं। परिसर में एक बावड़ी है। इसमें मौजूद जल को अत्यन्न पावन माना गया है। कहते हैं कि जो भी भक्त इस कुंड में स्नान कर लेता है या इस जल को पी लेता है, उसकी सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं। देवी मां का ये मंदिर इतना अद्भुत है कि यहां आरती में इंसान मुर्गे, बकरा आदि भी शामिल होते हैं। जिन भक्तों की मन्नतें पूरी हाती है तो वे जिंदा मुर्गा और बकरी छोड़कर जाते हैं। आज महाष्टमी पर्व पर मां के दरबार में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है।