नीमच। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने जावद में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सखलेचा का अलग रुतबा था। वे साफ और स्वच्छ छवि के नेता थे। मंत्री सखलेचा पूरी तरह से व्यवसायिक हो गए हैं। उनके इस रूप के कारण विधानसभा के पंच, सरपंच और जनपद अध्यक्ष का पद भी कमर्शियल हो चुका है। सरपंचों से निर्माण राशि के नाम पर वसूली की जा रही है। दिग्विजय सिंह ने अपने ऊपर चल रहे राजद्रोह के मामले को लेकर प्रदेश सरकार को दो मुंह वाली सरकार बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह शुक्रवार को नीमच जिले की जावद तहसील पहुंचे थे। यहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। शनिवार को वे पत्रकारों से रूबरू हुए। इस मौके पर प्रदेश सरकार पर अनियमितताओं, भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी का अरोप लगाया। पूर्व सीएम ने कहा कि कर्नाटक की सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार कहा जाता है। जावद में मंत्रीजी और विधायक के कितने प्रतिशत वाले हैं, यह तो यहां के किसान और सरपंच जाने। भाजपा की प्राथमिकता बड़े-बडे ठेकेदारों, व्यवसायियों व बड़े लोगों को आगे बढ़ाना है।
दिग्विजयसिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार गुटबाजी से नहीं गई। बल्कि रुपए के लालच में गई है। राजा-महाराज बिक गए। किसान, गरीब व अनुसूचित जाति जनजाति के लोग नहीं बिके, वे आज भी कांग्रेस के साथ हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रजातांत्रिक पार्टी है, इसमें सभी के राय मशवरे से निर्णय लिए जाते हैं। कांग्रेस में उम्मीदवार चुनने से पहले हर तरह की समीक्षा की जाती है। सबसे पहले नीचले स्तर से प्रस्ताव मांगे जाते हैं, फिर प्रदेश स्तर पर चयन समिति बैठती है, फिर केंद्र स्तर पर चयन व स्क्रेनिंग समिति बैठती है। उसके बाद उम्मीदवार का चयन होता है।