मंदसौर। मल्हारगढ विधानसभा सीट में एक तरफ माफियाओं के संरक्षण दाता है, वहीं दूसरी और गरीब व्यक्ति् चुनाव मैदान में खडा है। हर बार विकास के नाम पर जगदीश देवडा वोट ले लेते है, लेकिन विकास का पहिया थम जाता है और माफियाराज के पहिए चलना शुरू हो जाते है। हर गांव में देवडाजी के छर्रे हावी हो जाते है तथा गरीब और आम जन का जीना दुश्वार कर देते है। मल्हारगढ विधानसभा क्षेत्र में ही जहरीली शराब कांड हुआ। कई लोगों की जानें चली गई, विधानसभा क्षेत्र की जनता इंसाफ की मांग कर रही थी, वहीं भाजपा प्रत्याशी जगदीश देवडा उन्हें बचाने में लगे हुए थे। मंत्रीजी का दर्जा मिलने के बाद तो देवडाजी की थाने में तूती बोलने लगी थी, एक फोन पर हिस्ट्रीशीटर बदमाश छूट जाते थे और निर्दोष व्यक्ति सलाखों के पीछे चले जाते थे, ऐसा कार्यकाल पिछले पांच साल का जगदीश देवडा का रहा है। एक भी शराब माफिया पर कार्रवाई नहीं हो पाई, क्योंकि अगर पिपलियामंडी थाना प्रभारी कार्रवाई करते तो उन्हें हटा दिया जाता था, ऐसे एक नहीं बल्कि तीन—तीन थाना प्रभारी इन्होंने बदल दिए, वे ही शराब माफिया इन दिनों भाजपा प्रत्याशी जगदीश देवडा के लिए काम कर रहे है, धनबल से लेकर बाहुबल का उपयोग किया जा रहा है। दिखने में तो भाजपा प्रत्याशी सूरत से भोले लगते है, लेकिन अंदर से माफियाओं का बादशाह है, एक गुप्त मोबाइल से इन्हें छोडने का काम से लेकर काले कारोबार को संचालित करते है।
आज भी क्षेत्र में वित्त मंत्री रहते हुए इन्हीं के द्वारा एप्रोच वाले अधिकारी पदस्थ— चुनाव आयोग को इस संबंध में जांच पडताल करनी चाहिए कि कितने पुलिस अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी बीते एक वर्ष के दौरान मल्हारगढ विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ हुए है। सूत्र बताते है कि वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने पंसदीदा अधिकारियों की पोस्टिंग पहले ही करवा दी थी। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट अगली खबर में।