शराब कारोबारी पर हमले के लिए भाई ने दी सुपारी:पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया, शूटरों को 2 करोड़ देने का आरोप
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: February 12, 2024, 7:47 pm


शहर के बहुचर्चित अशोक अरोरा हमले के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब अशोक अरोरा को मारने के लिए शूटरों को 2 करोड़ की सुपारी देने की बात सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
जिसमें मुख्य साजिशकर्ता बाबू सिंधी और अशोक अरोरा का छोटे भाई राकेश अरोराए बाबू को मोबाइल दिलाने वाला अहमद शामिल है। पुलिस ने एक ओर आरोपी शूटर अकरम शाह को कोटा से प्रोटेक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। अमजद ने घटना के बाद राजस्थान के कोटा में जाकर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।
बताया जा रहा है कि अशोक को मारने के लिए 2 करोड़ की सुपारी बाहर के भाड़े के 6 शूटरों को दी गई थी। जिनमें से 4 हमलावर क्रेटा कार में सवार होकर हमला करने आए थे। जबकि 2 बाइक पर अशोक अरोरा की रेकी करने का काम कर रहे थे। पुलिस सभी 6 सुपारी लेने वालों की पहचान कर ली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग.अलग जगह पर टीम भेजी गई हैं। इनाम की भी घोषणा की गईं हैं।

3 आरोपियों को 19 फरवरी तक रिमांड
इस गोली कांड में पुलिस ने सबसे पहले अहमद को मनासा से गिरफ्तार किया था। जिसने मुख्य साजिशकर्ता बाबू सिंधी को मोबाइल उपलब्ध करवाया था।जिसके जरिए बाबू सिंधी और हमलावरों से बातचीत करता था। गुरुवार को मुख्य साजिशकर्ता बाबू सिंधी को चितखेड़ा के जंगल से उस गिरफ्तार किया था। जब वह राजस्थान की ओर भागने का प्रयास कर रहा था।

पुलिस रिमांड में बाबू ने षड्यंत्र में अशोक अरोरा के छोटे भाई राकेश अरोरा के शामिल होने की बात बताई। तकनीकी सबूत व बयानों के आधार पर राकेश को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। बारी.बारी से न्यायालय ने सभी आरोपियों को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड में भेजा था।

आज रिमांड खत्म होने का अंतिम दिन था। पुलिस ने न्यायालय से 7 दिन की रिमांड ओर मांग जिस पर न्यायालय ने पुलिस की मांग को मान लिया। ओर रिमांड को 19 फरवरी बड़ा दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले कई व्यापारियोंए राजनेताओं से पूछताछ की है जिन पर शक की सुई है।

कौन है बाबू सिंधी

हमले का मुख्य साजिश बाबू सिंधी जिसका असल नाम जयकुमार सबनानी है। जो करीब डेढ़ दशक पूर्व मंदसौर से बस में नीमच मंडी आया जाया करता था। जहां मंडी में वह आधी एक बोरी से व्यापार करने लगा। धीरे.धीरे उसने मंडी लायसेंस लेकर पोस्ता दाना का काम शुरू किया।

पोस्ता दाना खरीदी की आड़ में मादक पदार्थ अफीम और डोडा चूरा की तस्करी करने लगा। ओर कुछ साल में ही पुलिस से साठगांठ करके 100 करोड़ों से अधिक की सम्पत्ति अर्जित कर ली। इसी दौरान प्रॉपर्टी में घुस गया है। पैसों की खनक ने उसे डॉन बनने का जुनून पैदा कर दिया और जमीन वर्चस्व और डॉन बनने के चाह के चलते अशोक अरोरा के खिलाफ ताल ठोकने लगा।

इसी दौरान केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने उसे तस्करी के मामले में धर दबोचा। इसके बाद से ही तस्कर बाबू सिंधी पहले कनावटी फिर उज्जैन और भोपाल जेल में बंद रहा । हाल ही में वह जेल से बेटे की तबीयत का फर्जी सर्टिफिकेट देकर पैरोल पर बाहर आया था। इसी दौरान उसने अशोक अरोरा को खत्म करने का प्लान बनाया और कुछ माह पहले ही भाई के नए नए दुश्मन बने छोटे भाई राकेश से हाथ मिला लिया। इस साजिश को अंजाम दिया।

अशोक अरोड़ा का सगा छोटा भाई राकेश अरोरा है। जो कुछ महीने पहले तक साथ ही कारोबार कर रहा था। संपत्तिए शहर पर वर्चस्व व पारिवारिक विवाद के चलते अपने बड़े भाई अशोक अरोरा से उसका विवाद हो गया। इसे भी शहर पर वर्चस्व कायम करने और डॉन बनने का जुनून सवार हो गया।

जिसके चलते राकेश ने अपने बड़े भाई के जानी दुश्मन बाबू सिंधी से हाथ मिला लिया और सब ने मिलकर भाड़े के शूटरों के जरिए 4 फरवरी को अपने बड़े भाई पर हमला करवाया दिया। गिरफ्तार आरोपियों के बयानए तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने राकेश को धर दबोचा। राकेश ने भी पुलिस पूछताछ में गोलीकांड में उसका हाथ होना स्वीकार किया है।

कब और कैसे हुआ था गोलीकांड

शहर के शराब कारोबारी अशोक अरोरा पर 4 फरवरी शाम करीब 4रू30 बजे के करीब तब हमला किया गया जब वे अपने ऑफिस से घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान लायंस पार्क चौराहा के समीप अज्ञात हमलावरों ने अशोक की कार के सामने अपनी क्रेटा कर लगा दी। पहले तो अशोक अरोरा को लगा कि उनका कोई परिचित मजाक कर रहा है। मगर इतनी देर में कार के पीछे की सीट पर बैठा एक हमलावर पिस्तौल लेकर निकलता है और अरोड़ा की कार पर फायर शुरू कर दिए।

हालांकि अशोक अरोरा बाल बाल बच जाते हैं और वहां से भाग निकलते हैं। इसी दौरान अरोरा की पीछे सुरक्षा में लगी एक अन्य कार से सुरक्षा कर्मि उतर कर शूटरों पर फायरिंग करते है। क्रॉस फायरिंग में एक हमलावर बाबू फकीर उर्फ मजहर फकीर जो की इंदौर जिले के गौतमपुरा का रहने वाला था मारा जाता है। मजार भी हत्याए हत्या के प्रयास जैसे कई गंभीर मामलों में आरोपी था ।जबकि क्रेटा कार सवार तीन अन्य शूटर मौके से भागने में कामयाब हो जाते हैं।

इसी दौरान पुलिस छानबीन में क्रेटा कार बाबू सिंधी के मुनीम की होना पाया जाता है। मारे गए शूटर के मोबाइल की जांच करने पर पुलिस को अहमद का पता चलता है। उसे मनासा से गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर पता चलता है कि जो मोबाइल अहमद ने बाबू सिंधी को उपलब्ध कराया था।
उसी से बाबू सिंधी शूटर से बातचीत करता था। सभी कॉल डिटेल्स तकनीक की साक्ष्य और बयानों के आधार पर पुलिस पहले बाबू सिंधी को और बाद में अशोक अरोरा के छोटे भाई राकेश अरोड़ा को गिरफ्तार करती हैं। जिन्हें आज न्यायालय ने फिर 19 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा है।

कैंट थाना क्षेत्र के 307 के मामले में आज न्यायालय से आरोपियों की 7 दिन की रिमांड मांगी गई है जो मंजूर हो गई है। इसे और भी पूछताछ की सके इन्वेस्टिगेशन किया जा सके। ताकि इसके पीछे कौन.कौन है उन्हें हिरासत में लिया जा सकते हैं।
एसपी अमित कुमार तोलानी ने कहा मामले में अब तक इस मामले में 3 गिरफ्तारी हो चुकी है। चौथी आज अकरम गिरफ्तार कट लिया गया है। जिसने कोटा न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। जल्द ही सभी की गिरफ्तारी कर ली जायेगा। यह जमीनी विवादएवर्चस्व और डॉन की तरह बनने को लेकरए दो गुटों के वर्चस्व के लिए बाहर से 6 लोगों को हायर कर किया गया कांड है।
चार लोग क्रेटा कार में सवार थे। और दो बाइक पर रेकी कर रहे थे। प्रारंभिक जांच में अलग.अलग फिगर आ रहे हैं लगभग इन्होंने 2 करोड रुपए का खुलासा किया है जिसमें ₹5 लाख पहले इन्होंने दे दिए हैं।

सम्बंधित ख़बरें
दशपुर लाइव ऐप डाउनलोड करें और लाइव समाचार देखें
Copyright © 2022-23 . Dashpurlive All rights reserved