मोबाइल छिना, पुलिस चौकी व जीआरपी ने भी नही ली शिकायत, रेल मंत्री से लगाई न्याय की गुहार
पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)। पिपलिया रेलवे स्टेशन यात्री प्रतीक्षालय में एक आदिवासी मजदूर युवक के साथ मारपीट व मोबाइल छिनने का मामला सामने आया है।, युवक का आरोप है कि मारपीट करने वाले स्वयं को पुलिस वाले बता रहे थे। युवक कि रिपोर्ट न तो पिपलिया पुलिस चोकी ने ली न ही नीमच जीआरपी पुलिस ने। जानकारी के अनुसार राजस्थान प्रतापगढ़ के वार्ड 2 में निवासरत मदनलाल पिता प्रकाश मीणा ने बताया कि मैं उदयपुर गीताजंलि हास्पीटल केंटीन में भोजन बनाने का कार्य करता हंू। 4 मई 2024 को रात्रि उदयपुर जाने के लिए पिपलिया स्टेशन आया था। मैं रात्रि 9 बजे स्टेशन पर पहंुच गया था। टेªन 11.30 बजे थी। इस कारण मैं टिकट खिड़की के पास ही बैठा था, इस दौरान मुझे नींद लग गई और मेरी टेªन निकल गई। रात्रि में करीब 12 बजे करीब 4 व्यक्ति आए, और मेरी तलाशी ली। मेरे पास मेरा मोबाइल था, जिसके कवर के पीछे 100 रुपए टिकट लेने के रखे हुए थे। उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी तो मैंने अपना नाम, पता बताया और कहा कि उदयपुर में गीताजंलि हास्पीटल में मजदूरी करता हंू। इसके बाद चारों मुझे पकड़कर स्टेशन के आगे नीमच की ओर ब्रिज के यहां ले गए और मेरा मोबाइल भी छिन लिया। चारों ने मिलकर मुझे लात-घुसों, डंडों से बेरहमी से पीटा। मुझे मारपीट करने वाले व्यक्ति अपने आप को पुलिस वाले बता रहे थे, लेकिन उनके पास वर्दी नही थी। मेरा मोबाइल नम्बर जिसमें 7427095355 की सीम भी लगी थी। मेरा मोबाइल भी उनके पास ही है। मजदूर के पास उदयपुर जाने के लिए रुपए भी नही है और मेरा मोबाइल भी मारपीट करने वाले उनक चारों व्यक्ति ने छिन लिया। स्थानीय लोगों ने मुझे पिपलियामंडी पुलिस चौकी में शिकायत करने की बोला, लेकिन वहां गया तो मुझे बोला कि अभी कोई नही है बाद में आना। बाद में कुछ लोगों ने मदद कर मुझे नीमच जीआरपी भेजा, लेकिन वहां भी मेरा आवेदन लेने से मना कर दिया। युवक ने इस संबंध में रेल मंत्री व रेल अधिकारियों को शिकायत भेजकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
छलका युवक का दर्द, बोला एक बार तो आत्महत्या करने की इच्छा हो गई:-
प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए युवक फफक पड़ा और बोला कि मुझे बिना कारण के लात-घुसों से पीटा गया, मेरा कोई कसूर नही था, एक बार तो मेरी इच्छा हुई कि टेªन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लंू, बाद में मुझे वहां मौजूद लोगों ने कहा कि पुलिस चौकी में शिकायत करो, न्याय मिलेगा, वहां गया तो वहां भी शिकायत नही ली, फिर मुझे किसी ने कहा कि नीमच जीआरपी में शिकायत करो, वहां गया तो वहां भी मेरी शिकायत नही ली।
भाजपा राज में सुरक्षित नही, आदिवासी, दलितः-
मल्हारग़ढ़ क्षेत्र के किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द्र ने आदिवासी मजदूर युवक के साथ हुई मारपीट की घटना को दुःखद बताया। उन्होंने रेलमंत्री को सोशल साइड एक्स पर लिखा कि भाजपा राज में आदिवासी, दलित सुरक्षित नही है। उनके साथ कहां कब, क्या घटना हो जाए कहा नही जा सकता। मंदसौर जिले में पुलिस का ध्यान केवल मादक पदार्थ तस्करी में लगा है, मोटी कमाई के चक्कर में उन्हें चोरी, लूट, हत्या, दुष्कर्म सहित अन्य अपराधों को रोकने व आमजन की सुरक्षा से कोई सरोकार नही है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पुलिस की दलाली कर रहे है। पिपलिया क्षेत्र में आदिवासी मजदूर युवक के साथ मारपीट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां की पुलिस की देशभक्ति जनसेवा के नारे को कंकलित कर रही है।
गलत आरोप:-
पिपलिया टीआई नीरज सारवान का कहना है रेलवे स्टेशन क्षेत्र का मामला है, पुलिस ने मारपीट नही की है। हमारे क्षेत्र का मामला नही है, जांच जीआरपी जांच करेगी।