मंदसौर। मंदसौर जिले के नारायणगढ थाना क्षेत्र के बूढ़ा-टकरावद फंटे के पास 27 अप्रैल को दर्दनाक हादसे में 12 लोगों की जान चली गई थी। वैन की बाइक से भिंडत हुई और बाद में बिना मुंडेर के कुएं में जा गिरी। कुएं के अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए पास के ही दोरवाडी गांव के रहने वाले मनोहरसिंह ने बहादुरी और मानवता की मिसाल कायम करते हुए चार लोगों को बचा लिया, जब पांचवें घायल को निकालने की जद्दोजहद कर रहा था कि वैन में लगी गैस टंकी से जहरीली गैस के रिसाव से मनोहरसिंह की मौत हो गई। मनोहरसिंह के अदम्य साहस और बहादुरी को हर कोई सलाम कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि मनोहरसिंह को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार मिलेगा, वहीं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी।
हादसा इतना भयावह था कि हर किसी की आंखे नम हो गई। वैन में कुल 14 लोग सवार थे,जो उज्जैन—रतलाम जिले के रहने वाले थे और शराब छुडाने के लिए मनासा के पास स्थित आंतरी माता मंदिर जा रहे थे, तभी फंटे के पास वैन की बाइक से टक्कर हो गई थी। कुएं के नजदीक ही मनोहरसिंह प्याज साफ कर रहे थे, जैसे ही हादसा हुआ तो दौड पडे और रस्सी के सहारे बुरी तरह से फंसे लोगों की जिंदगी बचाने के लिए कुएं में उतरे। एक—एक करके 4 लोगों को बाहर निकाले चुके थे और पांचवे को निकालने के लिए कुएं में उतरे और मदद करते—करते जिंदगी से हार गए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर के बहादुर मनोहर सिंह के बलिदान को सलाम करते उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम ने मनोहर सिंह के अद्भुत साहस और बलिदान को सम्मान देते हुए मरणोपरांत उन्हें वीरता पुरस्कार देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।a