भ्रष्टाचारी एई(सहायक यंत्री): बिजली कंपनी में गरोठ संभाग में करोडों का भ्रष्टाचार, सहायक यंत्री महेश कुमावत को बचाने में चल रहा है पैसों का खेल, इंदौर से आई जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं!
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: May 3, 2023, 11:42 am

मंदसौर। बिजली कंपनी में जंगलराज की तरह गरोठ संभाग में भ्रष्टाचार चल रहा है। इसका ताजा मामला इन दिनों सामने आया है। गरोठ बिजली कंपनी में पदस्थ एई(सहायक यंत्री) महेश कुमावत ने करोडों का बीते कुछ सालों में किया है। भ्रष्टाचार का मामला जब उजागर हुआ तब वे चंदवासा बिजली वितरण केंद्र पर अक्टूर 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक प्रभारी के रूप में रहे। वहां किसानों से ​कृषि कनेक्शन देने में बिजली कंपनी को जमकर चूना लगाया वहीं उनसे रूपए लेकर बिजली कंपनी के नियमों की खानापूर्ति नहीं की। चंदवासा प्रभारी वे करीब छह माह तक रहे, छह माह के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया और लाखों की राशि का गबन करते हुए कंपनी के खजाने में राशि न डालते हुए जेब में डाल ली। सहायक यंत्री महेश कुमावत गरोठ में सालो से जमे हुए है, पूरे कार्यकाल की जांच की जाए तो करोडों का भ्रष्टाचार सामने आएगा।


ऐसे खुली भ्रष्टाचार की पोल—
गरोठ क्षेत्र के शिकायतकर्ता शंकरसिंह सौंधिया राजपूत ने सहायक यंत्री द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे इंदौर एमडी को की गई। शिकायत में उल्लेख किया गया कि श्री कुमावत ने चंदवासा वितरण केंद्र के प्रभारी रहते हुए नियमों के विपरीत कार्य किए और भ्रष्टाचार किया है। उदाहरण के तौर पर बरखेडा नायक में श्यामूबाई— गोपाल को कृषि कनेक्शन दिया गया। नियम के अनुसार कुआं, नाला और नदी के 150 फीट दूरी पर ट्रांसफर लगाया जाना चाहिए, लेकिन करीब एक हजार फीट दूर ट्रांसफर स्थापित कर दिया और बिजली के पोल में भ्रष्टाचार किया। तार जमीन पर ​ही बिछाए गए है, जिससे हादसा होने की आशंका है। सुपरविजन राशि के रूप में पांच प्रतिशत राशि जमा करवाना अनिवार्य है, लेकिन कोई राशि जमा नहीं हुई है और चार्चिंग परमिशन के बिना ही लाइन चालू कर दी है, यह परमिशन मंदसौर से मिलती है, जो अभी तक नहीं मिली है। नियम के अनुसार 2500 रूपए रजिस्ट्रेशन शुल्क और छह माह का अग्रिम बिल किसान से जमा होता है, लेकिन किसान से उक्त राशि तो सहायक यंत्री ने ली है, पर बिजली कंपनी को जमा नहीं करवाई। 500 रूपए का स्टॉम्प भी अनिवार्य है, पर कई कनेक्शन में स्टॉम्प भी नहीं लगाया गया है, जबकि स्टॉम्प के पैसे किसानों से ले लिए गए। चंदवासा चौकी में पदस्थ बाबू मनीष जाधव ने एई के इस भ्रष्टाचार में भरपूर सहयोग दिया है।

करीब 200 कनेक्शनों दिए, खूब भ्रष्टाचार किए—
सहायक यंत्री महेश कुमावत ने चंदवासा वितरण प्रभारी रहते हुए करीब 200 कनेक्शन प्रदान किए है और हर कनेक्शन में भ्रष्टाचार किए है। 200 कनेक्शनों की भ्रष्टाचार की राशि लाखों में बैठती है, वहीं गरोठ में वे मूल पोस्टिंग में इस तरह के भ्रष्टाचार को सालों से अंजाम दे रहे है। महेश कुमावत द्वारा किए गए बीते पांच वर्षों के कार्य की जांच की तो करोडों का भ्रष्टाचार सामने आएगा।
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इंदौर से जांच टीम आई, दोषी माना, कार्रवाई में लीपापोती— बीते माह इंदौर से एमडी आॅफिस से जांच टीम सहायक यंत्री महेश कुमावत के कार्यकाल की जांच करने के लिए आई थी, जांच कमेटी ने भी दोषी माना है, लेकिन महेश कुमावत पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। महेश कुमावत गरोठ में रहते हुए भ्रष्टाचार को डकने की कोशिश कर रहा है और पैसों के दम पर बचने का प्रयास कर रहा है। सूत्र बताते है कि वह टर्मिनेट होने से बचने के लिए गरोठ, मंदसौर से लेकर इंदौर तक पैसा बांट रहा है।

 

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