1400 साल प्राचीन कुबेर मंदिर में भक्तों की भीड़, यहां शिव और गणेश भी विराजमान
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: November 10, 2023, 7:24 pm

मंदसौर। धनतेरस के पर्व पर मंदसौर शहर के खिलचिपुरा स्थित अति प्राचीन कुबेर मंदिर में धन प्राप्ती की कामना के साथ विशेष पूजा अर्चना की गई। सुबह से ही भक्त कुबेर भगवान के दर्शनों के लिए पहुंचने लगे। लंबी कतारों के साथ दर्शनों का यह सिलसिला देर रात तक जारी था।मन्दिर पुजारी राकेश भट्ट ने बताया कि धनतेरस पर धन प्राप्ति की मनोकामना के लिए कुबेर भगवान की पूजा विशेष महत्व रखती है। पुजारी के अनुसार खिलचिपुरा में कुबेर जी का अतिप्राचीन मन्दिर है। आज कुबेर जी के दर्शनों से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। वहीं मन्दिर की मिट्टी को घर में रखने से घर में धन की कमी नहीं होती।

बिना नींव का मंदिर, मान्यता उड़ कर आया था—
खिलचिपुरा स्तिथ प्राचीन कुबरे मन्दिर अन्य मंदिरों से अलग है। खास बात यह है कि मंदिर की नींव नहीं है। वहीं मन्दिर को सामने से देखने पर मन्दिर तिरछा नजर आता है। कुबेर के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर प्राचीनकाल में देवताओं द्वारा उड़ा कर लाया गया था। पुरातत्वकारों के अनुसार मंदिर की 1400 वर्ष प्राचीन इस मंदिर की नींव नहीं है। मंदिर की खासियत यह है कि आज भी मंदिर को सामने से देखने पर तिरछा ही नजर आता है। मंदिर की बनावट ही ऐसी है कि दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को सर झुककर की मंदिर में प्रवेश करना पड़ता है।
इस गुफानुमा मंदिर में भगवान शिव अपने भव्य लिंग रूप में विराजित हैं। वहीं भगवान कुबेर की प्रतिमा पास ही में दीवाल पर विराजित है। शिवलिंग के समीप भगवान गणेश की प्रतिमा है। मान्यता है कि भगवान शिव के साथ धन के देवता कुबेर एक साथ विराजित होने से यह स्थान तंत्र क्रियाओं के लिए खास है। धन धान्य की प्राप्ति के लिए यहां धनतेरस को विशेष हवन पूजन किया जाता है। धन के देवता कुबेर जी का अति प्राचीन मंदिर होने की वजह से आस्था का खास केंद्र है। धन तेरस पर विशेष तौर से लोग यहां पहुंचते हैं और अपनी अच्छी आर्थिक समृद्धि की कामना करते हैं। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पुरातत्व विभाग करता है।

सम्बंधित ख़बरें
दशपुर लाइव ऐप डाउनलोड करें और लाइव समाचार देखें
Copyright © 2022-23 . Dashpurlive All rights reserved