मंदसौर। चंबल नदी मछली कंपनी की मंदसौर जिले में गुंडागर्दी चरम सीमा पर है। गरोठ में घीसालाल मीणा हत्याकांड के बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। एक तरह से गरोठ, भानपुरा, शामगढ चंबल से सटे हुए इलाकों में जंगलराज चला रखा है। कोई पीडित शिकायत भी दर्ज करवाता है तो पुलिस कार्यवाही करने में आनाकानी करती है। मछली कंपनी में बाहरी गुंडे नकाबपोश बनकर इलाकें में घूम रहे है और दहशत का माहौल बना रखा है। गरोठ, गांधीसागर, भानपुरा, शामगढ सहित कई थानो में गुंडागर्दी, मारपीट, धमकी के कई आवेदन लंबित है, पुलिस द्वारा ठेकेदार और उसके गुर्गों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे है। वहीं मछुआरों पर भी अत्याचार किया जा रहा है। चैकिंग के नाम पर लूट मचा रखी है। घीसाराम मीणा हत्याकांड को अभी कुछ ही दिन हुए है, फिर से कोई घटना चंबल बेल्ट में हो सकती है। सूत्र बताते है कि पुलिस थाने में मछली कंपनी की मंथली फिक्स है, इसलिए कठोर कार्यवाहीं नहीं हो रही है। वहीं दूसरी और जल संसाधन के जीएम राकेशसिंह भी नतमस्त्क है। करोडों के खेल में पूरी छूट दे दी गई है।
मछली कंपनी के कर्मचारी ने की थी हत्या— 9 सितंबर 2024 को लखमाखेडा निवासी घीसाराम मीणा को मछली पकडने वाली कंपनी के कर्मचारी रविंद्र शर्मा, दीपक जाट, कपिल शर्मा, मोहित शर्मा अजय शर्मा सहित कई कर्मचारियों ने मिलकर हत्या कर दी थी, हत्या के बाद साक्ष्य छिपा दिए गए थे। पुलिस ने आक्रोश के बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया।