ऑनलाइन सट्‌टा गैंग: मंदसौर के रहने वाले 8 आरोपी इंदौर में पकडाए, दुबई कनेक्शन आया सामने, क्राइम ब्रांच की टीम ने की कार्रवाई
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: December 14, 2024, 6:50 pm


मंदसौर—इंदौर। मंदसौर जिले के रहने वाले शातिर युवाओं को इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने धर दबोचा है। आरोपीगण आॅन लाइन सटटा संचालित करते थे अ ौर आॅन लाइन गैमिंग में लोगों को फंसाते थे। आरोपियों का दुबई कनेक्शन सामने आया है। 


ये है आरोपी मंदसौर के रहने वाले—
परिक्षीत लोहार (26) निवासी ग्राम दलौदा, जिला मंदसौर, रोशन लालवानी (20), विजय विश्वकर्मा (22), अभिषेक यादव (26), रुचित सिंह(25), राजेश कोतक (19), प्रफुल्ल सोनी (29), महेंद्र सिंह (28) सभी जिला मंदसौर के रहने वाले हैं।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया पूछताछ में सामने आया कि आरोपी वेबसाइट रॉक एक्सचेंज के अलग-अलग साअट रॉक7.आर्ट, अग.रॉकिंप्ले.कॉम, एडमिन.रॉकबुक9.कॉम, अग.रॉकेक्च111.कॉम, रॉकेक्च9.कॉम के माध्यम से लाइन (हार-जीत) के साथ सट्टा संचालित करते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग सट्टा संचालित करने के संबंध में वैध दस्तावेज भी उनके पास नहीं थे। वे लोग जिन व्यक्तियों को सट्टा लगाना रहता है उसके पेमेंट अलग-अलग खातों में डलवाकर रॉक वेबसाइट की आईडी एवं पासवर्ड देते हैं।
उस आईडी पर जितने रुपए उस व्यक्ति ने जमा किए हैं, उसके पाइंट उनको उस आईडी पर देते हैं। जिसके बाद वह व्यक्ति वेबसाइट में उपलब्ध (24×7) गेम खोलकर हार-जीत का दाव लगाकर सट्टा खेलता है। टेलीग्राम ग्रुप पर आरोपियों ने आईडी ब्रांच1401 बना रखी थी।
जिन व्यक्तियों को सट्टा लगाना रहता है, उनसे अलग-अलग बैंक खातों में रुपए डलवाकर उतने ही रुपयों के पाइंट देकर उन लोगों को सट्टा खेलने के लिए देते। ये वेबसाइट से ग्राहकों को जीतने पर पाइंटों को ऐप से विड्रावल की अनुमति चाहता है तो उसको उसके खाते में रुपए डाल देते हैं। आरोपी लैपटाप, मोबाइल और अन्य लोगों के खातों का उपयोग कर इन वेबसाइट से लोगों को सट्टा खिलाकर पैसा कमाते हैं।
आरोपी ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट रॉक एक्सचेंज से कम उम्र के नाबालिग बच्चों और युवाओं को लुभावने ऑफर देते थे। इसके जरिए वे सट्टा और ऑनलाइन गैंबलिंग के लिए प्रेरित करते हैं और जल्दी पैसे कमाकर अमीर बनने की चाहत में इसकी लत लगवा देते हैं।
ये लोग ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट व ऐप में ऐसी कोडिंग एवं अल्गोरिथम का उपयोग करते हैं कि पैसे लगाने वाले व्यक्ति का जीत का प्रतिशत बहुत कम कर दिया जाता है, जिसमें शुरू में कुछ जीत से लाभ होता है पर बाद में गेम खेलने वाले को लॉस ही होता है। इस प्रकार ये फ्रॉड को अंजाम देते हैं।
दुबई से जुड़े तार—
टीम को इनकी गेमिंग वेबसाइट में अलग-अलग प्रदेशों के संभवतः फर्जी बैंक अकाउंट नंबर भी मिले है। रोजाना ये जीते हुए पैसों का अमाउंट बड़ा होने पे अपने ऊपर के मालिक का भेज देते थे। आरोपियों द्वारा करोड़ों रुपए की ऑनलाइन गैम्बलिंग की जा रही है। आरोपियों के मोबाइल में दुबई मनी एक्सचेंज करने वाले लोगों के नंबर भी मिले हैं।
आरोपियों के पास से 29 मोबाइल 13 चेक बुक/पास बुक और 6 लैपटॉप, 12 हजार 770 रुपए जब्त हुए हैं। सभी 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट 1976 और धारा 112 बीएनएस में केस दर्ज किया है। आरोपियों का पुलिस रिमांड लेकर उनसे ओर भी जानकारी निकाली जा रही है।

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