अफीम और गांजे की खेती के पीछे का सच: दस सालों से चल रहा था अवैध खेती का खेल, पटवारी से लेकर सचिव रहे मौन!
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: November 24, 2022, 7:27 pm

नीमच। नीमच जिला पुलिस अधीक्षक सूरजकुमार वर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने बडी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जो नीमच के इतिहास में सबसे बडी मानी जा रही है, पहले एक या दो खेत अफीम अथवा गांजे के पकड में आए थे, लेकिन पालडा से करीब डेढ किलोमीटर दूर करीब दस बीघा जमीन पर अवैध खेती पाई गई, यूं कहें कि तस्कर बैखोफ होकर अफीम और गांजे की खेती कर रही थे। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि सात बीघा में गांजा और तीन बीघा में अफीम की खेती से टनों से मादक पदार्थ निकलता है और इसे तस्करी में बेचने पर तस्करों को करोडों रूपए मिलते। अफीम और गांजे की खेती के पीछे जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, वह हैरत में डालने वाली है और पूरे सिस्टम पर तमाचा मार रही है। बताया जा रहा है कि दबंगों का आसपास के गांवों में दबदबा है, रसूख के साथ—साथ इनकी राजनीति भी पहुंच है। पालडा गांव से करीब डेढ किमी  किलोमीटर दूर बंजारा बस्ती के पास यह काम अवैध रूप से कई सालों से चल रहा था, लेकिन किसी भी जिम्मेदारों की नजर नहीं पडी। सूत्र बताते है कि  पटवारी और सचिव इस खेल में शामिल है। कई तस्कर इस अवैध खेती से जुडे हुए है, जो अफीम और गांजा सीधे रूप से खेत बोने वाले लोगों से लेते थे।  ये लोग करोडों के आसामी अवैध खेती के जरिए हो चुके है, इनकी सपंत्ति की जांच पडताल की जाए तो नीमच, मनासा, कुकडेश्वर, इंदौर में कई प्रापर्टी इनके नाम से मिलेगी और करोडों रूपए बैंक खातों में मिलेेंगे। इनके पास जेसीबी मशीन से लेकर एलएनटी मशीनें भी है और महंगी कारें भी रखते है। आय का एक मात्र तस्करी बताया जा रहा है। टनों अफीम और गांजे की तस्करी अब तक ये कर चुके है। पुलिस भी इनकी कुंडली निकाल रही है, जांच में और बडे खुलासें होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

 

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