आख़िर क्यों नहीं बेच रहे है किसान समर्थन मूल्य में सरकार को गेंहूं, सरकारी भाव कम, मंडी में ज़्यादा भाव
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: March 27, 2023, 9:38 pm

समर्थन मुल्य पर गेहूं बेचने मैं किसानों को नहीं हैं रुची सरकार का दावा हो रहा खोखला साबित

मंदसौर/मल्हारगढ़ विधानसभा

पिपल्या जौधा(मानसिंह डाँगी) सरकार किसानों को लाख फायदा पहुचाने का दावा कर रही हो पर धरातल पर ये दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं जिससे किसानों को लगने लगा है कि सरकार किसानों के साथ मानो छलावा कर रही है अगर समर्थन मुल्य पर गेहूं खरिदी कि बात की जाए तो सरकार पुरी तरह से बैकफुट पर खड़ी दिखाई देगी सरकार लाख दावा कर रही हैं कि हम किसानों को समर्थन के माध्यम से मुनाफा देंगे पर सरकार ईस काम में सिर्फ डिंगे हाकती दिखाई दे रही है पिछले वर्ष भी सरकार ने समर्थन मुल्य पर गेहूं खरिदी कि थी जिसका किसानों को आजतक समर्थन मुल्य नहीं मिला व सरकार ने ईस वर्ष भी 2115 मे गेहूं खरिदी का समर्थन मुल्य घोषित किया है जो वर्तमान में मंडी रेट से कम है ईसी तरह पिछले वर्ष जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं सरकारी खरिदी केन्द्र कर बोनस कि आस मे तुलवाया था वो किसान अपने आप को अब ठगा सा महसूस करने लगे हैं पिछले वर्ष भी गेहूं खरीदी केन्द्र के समय मंडी में गेहूं का रेट 2200से लेकर 2600 तक था पर किसानों बोनस कि आस में 2000 रुपये की रेट में सरकार को अपना गेहूं बेचा था जिसमें सरकार ने किसानों के साथ छलावा किया व किसानों को बोनस नही दिया ईसपर किसान अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगा है और अपने आप को कोस रहा है कि समरथन मुल्य कि बजाए अपने गेहूं मंडी में बेचते तो अधिक लाभ होता ईस वर्ष भी सरकार ने गेहूं का समर्थन मुल्य 2115 रुपये/ क्विंटल तय किया है पर मंडी में अच्छी क्वालिटी का गेहूं अभी भी  24 सौ से 25 सौ तक बिक रहा है एसे मैं किसान असमंजस में है कि वह अपनी उपज मंडी में बेचे या समर्थन मुल्य पर सरकार को दे पर रह रह कर यही बात मनमे आती है कि कही सरकार ईसबार भी बोनस के नाम पर किसान के साथ छल तो नहीं करेगी ईसी शंका के चलते किसानों का सरकार के समर्थन मुल्य पर गेहूं खरिदी केन्द्र की निती से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है।

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