मंदसौर।
ईडी (इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) की 8 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह 6 बजे जावरा में रतलाम नाका इंडस्ट्रियल एरिया स्थित श्री अंबिका सॉल्वेक्स ग्रुप की सोया फैक्टरी वर्धमान सॉल्वेंट में पहुंची। संचालकों समेत प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों के मोबाइल बंद करवाकर जांच-पड़ताल शुरू की। कार्रवाई के चलते फैक्टरी बंद रही और दिन की शिफ्ट के कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई। उन्हें ईडी की सुरक्षा एजेंसी ने अंदर नहीं आने दिया। शाम तक टीम फैक्टरी परिसर स्थित मेसर्स श्री अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड के रजिस्टर्ड ऑफिस में जांच-पड़ताल करती रही। बताया जा रहा है कि विदेशी व्यापार (कंपनी प्रोडक्ट के निर्यात) में कथित गड़बड़ी या फिर कंपनी के एक डायरेक्टर द्वारा इंदौर में लिए कथित बैंक लोन घोटाले की जांच हो रही है।शेष | पेज 10 पर
मेसर्स श्री अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की स्थापना 1954 में हुई। सबसे पहले कंपनी संस्थापक मन्नालाल गर्ग ने मंदसौर में लक्ष्मी ऑइल मिल्स नाम से फैक्टरी शुरू की जो मूंगफली तेल का उत्पादन करती थी। बाद में इसी समूह ने सोया इंडस्ट्रीज सेक्टर में कदम रखा और मेसर्स अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड कंपनी बनाई। इसके मौजूदा तीन डायरेक्टर अर्जुनदास होतवानी, सुरेशचंद्र गर्ग और कैलाशचंद गर्ग निवासी मंदसौर हैं। अभी कैलाशचंद गर्ग कंपनी चेयरमैन भी हैं। कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस जावरा में ही रतलाम नाका स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में है, जहां बुधवार को ईडी ने जांच-पड़ताल की। जबकि कॉर्पोरेट ऑफिस स्नेह नगर इंदौर में है। अंबिका समूह रियल एस्टेट, सूचना प्रौद्योगिकी और निर्यात सेक्टर में भी सक्रिय है। इसके प्रोडक्ट विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशी मार्केट में भी सप्लाई होते हैं।
अभी कंपनी की मप्र के जावरा (रतलाम), मंदसौर, पथरिया व कालापीपल में और महाराष्ट्र के अकोला में प्रोडक्शन यूनिट संचालित है। ये कंपनी सोया प्रोडक्ट बनाती है, जिनमें सोयाबीन रिफाइंड ऑइल, सोयाबीन मील (सॉल्वेंट से निकाला गया सोयाबीन डी-ऑइल केक, जो प्रोटिन का अच्छा स्रोत है और इसका इस्तेमाल पशु चारे में ज्यादा उपयोग होता है।) और लेसिथिन लिक्विड प्रोडक्ट शामिल है।