चित्तोडगढ। CPS अफीम पट्टाधारी किसान ने बिना अनुमति डोडा पर चीरा लगा दिए। जिसकी सूचना मिलने पर सीबीएन उदयपुर ने कार्रवाई करते हुए बुजुर्ग किसान और उसके नाती को गिरफ्तार कर लिया। किसान के खेत से चीरा लगाए हुए 736 डोडा को उखाड़ कर जब्त कर लिया गया है। पट्टाधारी होने के बावजूद भी डोडा पर चीरा लगाकर अफीम निकालने की कोशिश का यह पहला मामला है।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, उदयपुर के अधीक्षक रघुनाथ रैगर ने बताया कि सोमवार को सूचना मिली थी कि पालोद, डूंगला निवासी शंकरलाल (72) पुत्र प्रेमा डांगी के खेत में लगे अफीम के डोडा के चीरा लगा दिया गया है। शंकरलाल के पास नारकोटिक्स की ओर से 10 आरी का लाइसेंस दिया गया है। किसान के पास CPS पद्धति (बिना चीरा लगाए डोडा को नारकोटिक्स को सौंपना) के खेत है। मुखबिर से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एक टीम का गठन किया गया। टीम पालोद गांव पहुंची। जहां टीम को एक तरफ के कई अफीम के डोडा पर चीरा लगाया हुआ दिखा।
सीबीएन उदयपुर की टीम ने कार्रवाई करते हुए सभी पौधों को उखाड़ा। गिनती करने पर 736 पौधे पाए गए। टीम ने पौधों को जब्त कर लिया। खेत मालिक 72 साल के शंकरलाल को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा इस मामले में शंकरलाल का नाती किशन (22) भी शामिल था। टीम ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। जानकारी में आया कि प्लानिंग किशन की ही थी। किशन के नाना के नाम पर अफीम का पट्टा होने के कारण उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपियों और जब्त माल को चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स सेकेंड डिवीजन में लाया गया।
जिस दिन करना था अफीम का कलेक्शन, उसी दिन पकड़े गए आरोपी—
अधीक्षक रघुनाथ रैगर ने बताया कि इन डोडो में सोमवार रात के करीब 11 से 12 बजे के बीच ही चीरा लगाया गया था। रात भर डोडा में अफीम को लगे रहने दिया गया। अफीम का कलेक्शन करना था। इस तरह सीपीएस पद्धति के डोडा पर चीरा लगाकर अफीम निकालने की कोशिश करना, संभवत राजस्थान का पहला मामला है।