जेल में मंगल,अस्पताल में जश्न: कांग्रेस से निष्कासित हुए राजकुमार अहीर के बेटे आरोपी मनुराज अहीर को बर्थडे मनाने के लिए जिला अस्पताल में शिफ्ट किया, एक माह से अपहरण के मामले में कनावटी जेल में बंद, बर्थडे मनाने के लिए जेल अधीक्षक यशवंतकुमार मांझी से मिलीभगत कर अस्पताल में भर्ती
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: June 7, 2024, 6:50 pm


नीमच। जिला जेल कनावटी में जेल अधीक्षक यशवंतकुमार मांझी के नेतृत्व में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है, जेल के बंद कैदी को वीआईपी ट्रीटमेंट देना हो या​ फिर बीमारी का बहाना बताकर जिला अस्पताल में भर्ती कर ऐशो—आराम की जिंदगी जीना हो तो जेल अधीक्षक मांझीजी के पास इतने तरीके है, इस मामले में तिहाड जेल भी फेल है। एक ताजा मामला सामने आया है, ​कांग्रेस से निष्कासित हुए राजकुमार अहीर का बेटा मनुराज अहीर बीते एक माह से कनावटी जेल में पत्रकार मूलचंद खींची अपहरणकांड को लेकर बंद है। आरोपी तीन साल से फरार चल रहा था, लेकिन दबंग पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल के दिशा—निर्देश पर पकडकर उसे सलाखों के पीछे डाल ​दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मनुराज अहीर का जन्म दिवस मनाने को लेकर जेल अधीक्षक यशवंतकुमार मांझी ने जेल में आने वाले डॉक्टर स़े मिलीभगत का ऐसा खेल रचा कि बीमारी का बहाना कर फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर अस्तपाल अस्पताल में भर्ती करवा दिया, बीते दो—तीन से आरोपी मनुराज अस्पताल में भर्ती है और बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में ही आरोपी का जन्म दिवस धूमधाम से मनाने की पूरी तैयारी की जा रही है। आरोपी मनुराज अहीर के एक रिश्तेदार ने बताया कि मनुराज को एक भी बीमारी नहीं है, बिल्कुल  स्वस्थ्य है, लेकिन बर्थडे मनाने के लिए जिला अस्पताल में बीमारी का बहाना बताकर भर्ती किया गया है, जेलर साहब ने पूरा षडयंत्र रचा है, कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज की जांच पडताल की जाए तो इस फर्जीवाडे में शामिल अन्य लोगों की भूमिका सामने आ सकती है, वहीं आरोपी मनुराज को क्या बीमारी है, चिकित्सकों की पैनल अगर उसकी जांच पडताल करें तो सच सामने आ सकता है।  बताया जा रहा है कि इस तरह का कारनामा जेल में पहले भी हुआ है, बतौर जेल अधीक्षक यशवंतकुमार मांझी जेल में है तो सब संभव है।

जेल अधीक्षक मांझी की रवानगी तय, रूकने के लिए खुला आफर— कितना पैसा चाहिए उपर वालो को—
सूत्र बताते है कि जेल यशवंतकुमार मांझी की गई शिकायतें जेल मुख्यालय पहुुंची है, जिसमें भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और बंदियों के साथ मारपीट की शामिल है। जेल यशवंतकुमार मांझी की रवानगी तय मानी जा रही है। वहीं नीमच में जमे रहने के लिए श्री मांझी खुले रूप से बोल रहे है कि जितना पैसा उपर वालों को चाहिए, उतना देने के लिए तैयार हूं, लेकिन मोहन सरकार में जेलर मांझी का दांव उल्टा पडता नजर आ रहा है, क्योंकि जेल मुख्यालय में ईमानदार अफसर उच्च पदों पर बैठे हुए है।

 

 

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