नीमच 13 जून : सीआरपीएफ में सबसे निचले पायदान पर कार्यरत सिपाही(कुक) व सिपाही(वाटर कैरियर) के लिए यह गौरव के पल है, कि अब वे पहली बार हवलदार के पद पर पदोन्नत हो रहे है। आपको बताते चले कि इससे पूर्व में सिपाही(कुक) व सिपाही(वाटर कैरियर) बिना पदोन्नति के एक ही रैंक में अपने पूरे सेवाकाल में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हो जाते थे,और फलत: अपने कार्य के प्रति मनोबल अपेक्षाकृत उत्साहवर्धक नहीं रहता था। सीआरपीएफ में कुक/वाटर कैरियर एक ऐसी रैंक है, जिसमें कार्यरत कार्मिक अल सुबह उठकर सभी जवानों के लिए नास्ता-खाना बनाते है, और रात्रि तक रसोई में काम करते रहते है, लेकिन अभी तक उनके लिए पदोन्नति के कोई अवसर उपलब्ध नहीं थे। इन कार्मिकों की अगले पद पर पदोन्नति की मांग लम्बे समय से की जा रही थी, जो अब साकार हुई है। यद्यपि भारत सरकार के नियमानुसार सभी कार्मिकों के समान सिपाही (कुक) व सिपाही(वाटर कैरियर)को भी समय-समय पर एमएसीपी के तहत वित्तीय लाभ मिलता रहता था, किंतु केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जैसे एक उच्च अनुशासित बल में अगले उच्च पद पर पदोन्नति होने से कार्मिकों में एक अलग ही उत्साह एवं गौरव की अनुभूति होती है। इसी कडी के रूप में, ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ नीमच में 02 सिपाही(कुक) व 02 सिपाही(वाटर कैरियर) को डीआईजी श्री एस.एल.सी.खूप ने इनकार्मिकोंको हवलदार की रैंक धारण करवायी,उनके परिजन व सभी कार्मिक इसके साक्षी बने।हवलदार पद पर पदोन्नत हुए कार्मिकों में ऐसे कार्मिक भी थे, जो अभी तक 36 वर्षों की सेवाएं पूरी कर चुके है, जिन्हें बहुत लम्बी प्रतीक्षा के उपरांत हवलदार के पद पर पदोन्नति प्राप्त हुई है।तथापि यह सीआरपीएफ में सेवारत उन सभी सिपाही(कुक) व सिपाही(वाटर कैरियर) के लिए प्रसन्नता का विषय है, कि अब उन्हें भी उच्च पद पर पदोन्नति प्राप्त हो रही है।