नीमच। सीआरपीएफ नीमच में बुधवार को ष्ष्अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवसष्ष् मनाया गया। नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और इसके रोकथाम के लिए उचित वातावरण एवं जनचेतना का निर्माण करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष इसे मनाया जाता है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार कई मिलियन लोग इससे प्रभावित है। नशाए एक ऐसी बीमारी हैए जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उन्हें बीमार कर रही है। ड्रग्स के सेवन से हमारा शरीर अंदर से धीरे.धीरे खोखला होने लग जाता और व्यक्ति आर्थिकए मानसिक एवं शारीरिक दृष्टि से कमजोर होता जाता है। नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया हैए जहां पर वह नशा करने के लिए किसी भी हद तक जाकर जुर्म करने को भी तैयार रहता है। नशे के मामले में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैए जिसके कारण व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव बढ़ रहा हैए और इससे आपसी प्रेम संबंध व दांपत्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। इसलिए हमें खुद को एवं अपने बच्चों को इस जानलेवा नशे एवं नशीले प्रदार्थों से दूर रखना चाहिए एवं आवश्यकतानुसार समय.समय पर काउंसिलिंग करवाते रहना चाहिए। कैम्प परिसर में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु नशा निरोधक पोस्टरध्बैनर आदि लगाए गए। साथ ही सीआरपीएफ मुख्यालयए नई दिल्ली के निर्देशानुसार बल के सभी कार्मिकों एवं उनके परिजनों से नशीली दवाओं के खिलाफ ऑनलाइन ष्ष्ई प्रतिज्ञाष्ष् लेने हेतु अपील की गई। इस अवसर पर ग्रुप केन्द्र नीमच के मेन्स क्लब में एक सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें नारकोटिक्सल विभाग नीमच के निरीक्षक निशांत अवस्थीक ने मादक एवं नशीली दवाओं के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने तथा इसके अवैध व्यापार के विरोध में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु सभी को आगाह किया। इस अवसर पर संयुक्त अस्पतालए सीण्आरण्पीण्एफके डॉण् प्रितेश कनिकए ग्रुप केंद्र के उप कमांडेंट देविन्द्रर सिंह नेगी सहित सभी राजपत्रित अधिकारीगणए अधीनस्थ अधिकारीगण एवं जवान उपस्थित रहे।