मंदसौर। चंबल नदी से सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत करीब 1600 करोड रूपए की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ गई है और इस योजना में किस तरह से करोडों का भ्रष्टाचार हुआ, इसकी पोल आए दिन खुल रही है, इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड रहा है। किसानों के खेत पाइप लाइन लिकेज से तालाब बन रहे है और फसलें बर्बाद हो रही है। शामगढ मंडी में तो बिकने आया लाखों रूपए का प्याज बर्बाद हो गया। यही हाल किसानों के खेतों में खडी अफीम, लहसुन, प्याज, गेहूं सहित अन्य फसलों का हो रहा है। आए दिन पाइप लाइन फूट रही है, जल संसाधन विभाग या अन्य विभाग के अधिकारी जांच करने की बजाय लीपापोती कर रहे है। आश्चर्य की बात तो यह है कि आए दिन पाइप लाइन फूटने के मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन ने कोई जांच नहीं बैठाई है। बताया जा रहा है कि बडी कंपनी ने यह काम किया है, इसलिए नीचले स्तर पर कोई कार्रवाई की उम्मीद नहीं है। यही काम अगर कोई छुटभैया ठेकेदार करता तो तमाम जांचे हो जाती, लेकिन भोपाल स्तर पर हुए भ्रष्टाचार के खेल को लेकर कोई हाथ नहीं डाल रहा है। बताया जा रहा है कि इस योजना में भ्रष्टाचार भी मौटा हुआ और करोडों रूपए कमीशन के रूप में बंटे, ऐसी स्थिति में न तो मंदसौर कलेक्टर कार्रवाई के मूड में है और न ही कमिश्नर।