नीमच जिले की जावद जनपद पंचायत के सीईओ आकाश धार्वें के अपहरण के मामले में कनावटी जेल में बंद इंदौर के तहसलीदार जगदीश रंधावा की विशेष न्यालय ने जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है। इस प्रकरण में कुल 13 आरोपी है, जिसमें तहसीलदार भी शामिल है। विगत 7 फरवरी को सीईओ आकाश धार्वें का फिल्मी स्टाईल से अपहरण की घटना सामने आई थी, नागदा में पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सीईओ को छुडाया था, पुलिस ने मौके पर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अपहरण के पीछे प्रेम प्रसंग की कहानी सामने आई थी, सीईओ धार्वे का उन्हीं के धार जिले में स्थित गांव की एक युवति से प्रेम प्रसंग चल रहा था, युवति शादी करना चाहती थी, इसी लिहाज से मौसी के लडके तहसीलदार सहित 12 लोगों को लेकर नीमच सीईओ के घर आ पहुंची थी, सीईओ को जाति पंचायत में ले जाने के लिए जबरदस्ती गाडी में बैठा लिया और अपहरण की सूचना पर पुलिस एक्टिव हुई और मामले को सुलझा दिया था। इस मामले में मुख्य आरोपी तहसीलदार जगदीश रंधावा को बनाया गया था, आज सोमवार को विशेष न्यायाधीश आलोकुमार सक्सेना की कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। आरोपी की तरफ से वकील मनीष जोशी ने तर्क दिया कि 6 फरवरी को रात को जब सीईओ के घर में घुसकर मारपीट की घटना होने की बात बताई जा रही है, सीईओ का घर और एसपी साहब का घर नजदीक है, तो सीईओ ने रात को ही पुलिस थाने में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई। एफआईआर ही झूठी है। कोर्ट ने तहसीलदार को एक लाख की जमानत पर छोडने के आदेश जारी किए है।