500 रूपए के स्टॉम्प पर सरपंची ठेके पर देने वाली महिला को हाईकोर्ट से मिला स्टे,जिला पंचायत सीईओ ने पद से कर दिया था पृथक
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: February 28, 2025, 3:41 pm

नीमच जिले की ग्राम पंचायत दांता की सरपंच कैलाशीबाई कच्छावा को हाईकोर्ट इंदौर द्वारा राहत  दी है। हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सीईओ के आदेश के खिलाफ स्थगन ​दे दिया है। अब कैलाशीबाई सरपंच पद पर बनी रहेगी। वहीं हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सीईओ व शासन से जवाब मांगा गया है। 
नीमच जिले में पिछले महिने एक अनूठा मामला सामने आया था, जिसमें दांता ग्राम पंचायत की सरपंच कैलाशीबाई पति जगदीश कच्छावा ने 500 रूपए के स्टॉम्प पर गांव के ही सुरेश नामक ठेकेदार को सरपंची ठेके पर दे दी थी। स्टॉम्प की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला पंचायत अमन वैष्णव ने जांच बैठा दी थी और जांच के बाद 10 फरवरी को सीईओ ने सरपंच को पद से पृथक कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ कैलाशीबाई ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जिसमें कैलाशीबाई ने अपने आपको बेगुनाह बताते हुए किसी भी प्रकार का स्टॉम्प न लिखने की बात कही। हाईकोर्ट ने जिला पंचायत के पद से पृथक करने के आदेश पर स्थगन दिया है और 6 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए है।
सरपंच ने खरीदा था स्टॉम्प—
500 रूपए के स्टॉम्प को सरपंच कैलाशीबाई ने अपने आधारकार्ड से वेंडर से लिया था। एग्रीमेंट में दो गवाह थे, गवाह भी मुकर गए थे, वहीं ठेके पर लेने वाला सुरेश बंजारा ने भी कहा था कि इस प्रकार का कोई एग्रीमेंट नहीं किया गया है, लेकिन वेंडर के दस्तावेजों की जांच पडताल में सामने आया कि सरपंच ने ही 500 का स्टॉम्प लिया था।
निर्माण कार्य से लेकर सारे अधिकार दे दिए थे—
स्टॉम्प पर लिखी नियम शर्तें के अनुसार सरपंच ने अपने सारे अधिकार गांव के ही सुरेश नामक व्यक्ति को दे दिए थे। जिसमें वाटरशेड योजना सहित कई निर्माण शामिल है। यह भी शर्त रखी गई ​थी कि 24 जनवरी 2025 के बाद सरपंच कैलाशीबाई का किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं रहेगा, अगर हस्तक्षेप करती है तो जुर्माना भी वसूला जाएगा।

 

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