— मामला कुख्यात तस्कर बंशी गुर्जर के फर्जी एनकाउंटर का:
नीमच। सीबीआई दिल्ली की टीम ने कुख्यात तस्कर बंशी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर की जांच को तेज कर दिया है। दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अन्य एनकाउंटर से जुडे हुए अधिकारी और कर्मचारियों की खोजबीन की जा रही है, लेकिन फरार होने की जानकारी मिल रही है। इधर रिटायर्ड आईजी वेदप्रकाश शर्मा की मुश्किलें भी बढती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वेदप्रकाश शर्मा की गिरफ्तारी जल्द ही हो सकती है। सीबीआई कडी से कडी जोड रही है। एनकाउंटर से जुडे हुए तथ्य के मुताबिक 7—8 फरवरी 2008 की रात को तत्कालीन एसपी वेदप्रकाश शर्मा के पास ही सूचना पहुंची थी कि बंशी गुर्जर बेसला घाट से होकर रामपुरा की तरफ आने वाला है। उन्हें सूचना किसने दी, यह भी सामने आया कि उन्हें तत्कालीन एसआई मुख्तियार कुरैशी ने(वर्तमान में क्राइम ब्रांच भोपाल में एसीपी) ने ही तत्कालीन एसपी को कॉल कर सूचना दी थी कि बंशी गुर्जर रामपुरा की तरफ आने वाला है। मुख्तियार कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो जाएगा कि तत्कालीन एसपी वेद्रप्रकाश शर्मा ने बंशी गुर्जर की गिरफ्तारी के लिए अलग—अलग पुलिस टीम बनाई थी और उन्हें एक्टिव किया गया था। टीम की कमान तत्कालीन एसडीओपी अनिल पाटीदार के हाथों में थी, एनकाउंटर किए जाने की अनुमति भी श्री पाटीदार ने ही ली थी। ऐसी स्थिति में पाटीदार की गिरफ्तारी भी इस प्रकरण में आवश्यक बताई जा रही है। इस प्रकरण से जुडे हुए बडवाली एएसपी अनिल पाटीदार, डीएसपी विवेक गुप्ता, मुख्तियार कुरैशी सहित एक दर्जन पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गायब है। इस प्रकरण में सीबीआई ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। जल्द ही बडे अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
फोटो— तत्कालीन एसपी एवं सेवानिवृत्त आईजी वेदप्रकाश शर्मा