मंदसौर। वन विभाग ने चीतों के लिए 25 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र को लोहे की जालियों से घेर दिया है। इस फैसले से अभ्यारण के आसपास के गांवों में दूध उत्पादन का व्यवसाय प्रभावित होगा। स्थानीय समुदाय इस फैसले का विरोध कर रहा है।
मल्हारगढ़ विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी और किसान नेता श्यामलाल जोकचंद ने कहा कि पहले ही किसानों की जमीन वन विभाग के अधिकार में चली गई थी। किसानों ने वन संरक्षण के लिए गोपालन और दूध व्यवसाय शुरू किया था।
'गाय के नाम पर राजनीति की जाती है'
जोकचंद ने सरकार पर गो-रक्षा का ढोंग करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि एक तरफ गाय के नाम पर राजनीति की जाती है, वहीं दूसरी तरफ गायों के प्राकृतिक आवास में हिंसक जानवरों को छोड़ा जा रहा है। प्रोजेक्ट से ग्रामीणों का दूध व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई लोग बेरोजगार हो गए हैं।