नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच जिले के मोरवन के पास अंचल की प्यास बुझाने वाले मोरवन बांध का पानी नहीं देंगे, नहीं देंगे, यह गूंज इन दिनों मोरवन बांध के आसपास के गांवों में गूंज रही है। बीते एक महिने से ज्यादा समय हो गया है, किसानों को विरोध करते—करते है। इस बीच ट्रेक्टर रैली निकली, इसके बाद फैक्ट्री परिसर में पत्थराव, तोडफोड और मारपीट की घटना हुई। इस बवाल के बाद एफआईआर भी पूरण अहीर सहित 33 नामजद लोग और बाकी अज्ञात लोगों पर हो गई। किसान अपनी मांगों को लेकर अडे हुए है। किसानों का एक ही शब्द कहना है कि मोरवन बांध के पास कपडा फैक्ट्री नहीं लगने देंगे, नहीं लगने देंग.....
फैक्ट्री मालिक और प्रशासन ने दिए कई तर्क, ग्रामीणों उन्हें बता दिया कुतर्क—
जब आंदोलन तेज हुआ तो फैक्टरी मालिक भी प्रकट हो गया। कुछेक मीडियाकर्मियों को फैक्टरी मालिक ने इंटरव्यू दिए। वहीं मामले को डैमेज कंट्रोल करने का काम किया,वहीं जिला प्रशासन तथा उद्योग विभाग के अधिकारियों ने भी यही तर्क दिया कि कोई प्रदूषण नहीं होगा, पानी भी 0.01 प्रतिशत मोरवन बांध से लेंगे। इन तमाम तर्क को ग्रामीणों ने कुर्तक दिया। युवा पीढियों ने भीलवाडा सहित अन्य अंचलों में संचालित कपडा फैक्ट्री के बारे में इंटरनेट से रिपोर्ट निकलवा ली। ग्रामीणों का कहना है कि 100 प्रतिशत प्रदूषण होगा और आसपास का इलाका नर्क जैसा बन जाएगा।
ग्रामीणों में अंदर ही अंदर आक्रोश— फैक्टरी का काम बंद—
ग्रामीणों में कपडा फैक्ट्री को लेकर अंदर ही अंदर आक्रोश देखा जा रहा है। अभी तक कपडा फैक्ट्री को लेकर कोई सकारात्मक बातचीत या निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में आंदोलन कभी भी सडक पर आ सकता है।
कपडा फैक्ट्री वाले मैनेज करने में जुटे—
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आंदोलन में शामिल लोगों को कपडा फैक्ट्री वाले तोडने की जुगत में है। पैसों का लालच देने की बात भी सामने आई है। वहीं मोरवन बांध कपडा फैक्ट्री के आंदोलन में ग्रामीणों के बीच फूट डालने की चाल भी खेली जा रही है, लेकिन अभी तक किसान एकजुट ही नजर आ रहे है।