मध्यप्रदेश के मंदसौर में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर कमल जैन के बेटे हर्शुल जैन के अपहरण की कहानी को चंद घंटो में ही सुलझा दिया। अपहरण और 50 लाख की फिरौती के मामले को एसपी विनोद कुमार मीना ने गंभीरता से लिया। आश्चर्य की बात तो यह है कि कर्ज से परेशान इंजीनियर के बेटे ने खुद के अपहरण की फर्जी कहानी बनाई और उसके पिता को 50 लाख रूपए देने के लिए दोस्त से फोन लगाया। पुलिस ने आरोपी इंजीनियर के बेटे और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। दो अन्य आरोपी फरार है।
13 नवंबर को शामगढ़ निवासी कमल जैन को फोन पर उनके बेटे हर्शुल जैन (26) के अपहरण की सूचना दी गई। कॉल करने वालों ने 50 लाख रुपए की फिरौती की मांग की।शिकायत पर थाना शामगढ़ में मामला दर्ज किया गया। 7 विशेष टीमों का गठन किया। तकनीकी जांच के लिए साइबर सेल को लगाया गया।
जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि हर्शुल कोटा में कूलर जाली निर्माण फैक्ट्री शुरू कर रहा था। एक दोस्त के साथ चाय दुकान भी चलाता था। उस पर लाखों का कर्ज था। कर्ज के दबाव में उसने अपने दोस्तों गणपत सिंह, जनरेल सिंह और कुलदीप के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रच डाली। योजना के मुताबिक हर्शुल के पिता से 50 लाख की फिरौती लेने का प्लान था, जिसे वे आपस में बांटने वाले थे।
पुलिस ने तकनीकी आधार पर गणपत सिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने पूरी कहानी उगल दी। इसके बाद पुलिस ने हर्षल को भी पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों में हर्षल जैन, पिता कमल जैन, निवासी शामगढ़, गणपत सिंह, पिता महेंद्र सिंह हाड़ा, निवासी सलमपुर, हिंडोली, जिला बूंदी (राजस्थान) शामिल हैं।
आरोपी जनरेल सिंह, पिता सुखविंदर सिंह, निवासी बालोला, तहसील हिंडोली, बूंदी और कुलदीप पिता राजू लाल कहार, निवासी अमरतिया चौराहा, बूंदी फरार हैं। पुलिस तलाश कर रही है।
पुलिस के अनुसार, हर्षल ने कोटा में कूलर की जाली बनाने की फैक्ट्री शुरू करने के लिए काफी निवेश किया था, लेकिन आर्थिक संकट और बढ़ते कर्ज ने उसे इस अपराध की ओर धकेल दिया। फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।