लोन स्वीकृत करवाने की एवज में एसबीआई स्टॉफ ने मांगी रिश्वत, लोकायुक्त टीम ने 15 हजार रूपए लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: November 24, 2025, 8:07 pm

नीमय। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा मनासा में कार्यरत कर्मचारी द्वारा लोन निकालने की ऐवज में 15 हजार रूपए की रिश्वत मांगी जा रही थी, आज सोमवार को लोकायुक्त ने कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा है। इस कार्रवाई के बाद बैंक में लोन के नाम पर चल रही रिश्वतखोरी की पोल खुल गई है। क्या शाखा प्रबंधक इस मामले में संलिप्त है, इस बिंदु पर लोकायुक्त की टीम जांच कर रही है।
उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक आनंद यादव को आवेदक आंचल नागदा मनासा की रामनगर कॉलोनी निवासी आंचल नागदा ने शिकायत की थी। जिसमें बताया गया किस्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत कर्मचारी रूपेश कौशल लोन स्वीकृत करवाने के लिए पंद्रह हजार रूपए की रिश्वत की मांग कर रहा है। लोकायुक्त एसपी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच के आदेश दिए। लोकायुक्त निरीक्षक हिना डाबर द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें मांग सही पाई गई। सत्यापन के बाद आज 24 नवंबर 2025 को टीम मनासा पहुंची। शिकायतकर्ता आंचल नागदा को रंग लगाए हुए नोट दिए। जैसे ही बैंक में पहुंचकर कर्मचारी रूपेश कौशल को 15 हजार रूपए दिए तो लोकायुक्त की टीम आ धमकी। लोकायुक्त की टीम ने कर्मचारी रूपेश कौशल के हाथ धुलवाए तो हाथ से रंग निकला। आरोपी कर्मचारी रूपेश कौशल को गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

ये थे टीम में शामिल—
उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक,निरीक्षक हिना डाबर, श्याम शर्मा, अनिल आटोलिया, हितेश लालावत, उमेश जाटवाख्  इसरार सहित 12 सदस्य टीम में शामिल थे।

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