मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के शामगढ में 16 वर्षीय एक बालिका के अश्लील वीडियो बनाकर उसे वायरल करने के मामले में बवाल मचा हुआ है। अभी तक पुलिस ने पांच आरोपी गिरफ्तार किए है। इनसें से आज रविवार को तीन का जुलूस निकाला। पूछताछ में कई चौंकाने वाले सामने आए है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खडे कर कर रहे है। इससे पहले एक मामला शामगढ थाने में पहुंचा था, जिसमें हिंदू लडकी को मुस्लिम युवक तंग कर रहा था। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह सामने आई कि पुलिस ने मुस्लिम युवक पर कार्रवाई करने की बजाय थाने पर ही समझौता लिखवा लिया। अगर पुलिस उस समय ही जोरदार ढंग से कार्रवाई कर देती तो शायद यह नौबत नहीं आती।
आरोपी रेहान, बाबू और अन्य युवक पीड़िता के अलावा परिवार की एक और लड़की के सपंर्क में थे। उन्होंने उसे भी अपना शिकार बनाने की कोशिश की थी। इस मामले की शिकायत पुलिस को की गई थी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि थाने पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
ये युवक साल भर पहले से ही परिवार की एक अन्य लड़की पर भी बुरी नजर रखते थे और उसे परेशान कर रहे थे।
गरोठ एएसपी हेमलता कुरील ने कहा, 'यह सही है कि पहले भी इन युवकों के खिलाफ आवेदन आया था।'
गल्ले से पैसे निकालकर युवकों को दे रही थी नाबालिग—
पीड़ित नाबालिग के पिता की गारमेंट की दो दुकानें हैं। आरोपी रेहान और बाबू ने नाबालिग के आपत्तिजनक वीडियो बना रखे थे और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर लगातार उससे पैसे ऐंठ रहे थे। डर के मारे, नाबालिग अपने पिता की दुकान के गल्ले से कभी 5 हजार तो कभी 10 हजार रुपए निकालकर उन्हें देती रही। मामला तब बिगड़ा जब आरोपियों ने एक साथ तीन लाख रुपए की मांग कर दी। इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ नाबालिग घबरा गई और उसने आरोपियों के फोन नंबर ब्लॉक कर दिए। पैसे न मिलने और नंबर ब्लॉक होने से बौखलाए युवकों ने वीडियो वायरल कर दिया, जिसके बाद परिजन को घटना का पता चला और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
छोटी बच्चियों को प्रेम जाल में फंसाकर रूपए ऐंठने का गिरोह—
आरोपी बाबू और रेहान कोई खास काम नहीं करते, लेकिन उनके पास दो लाख से ज्यादा कीमत की महंगी बाइक हैं और वे अक्सर पार्टियां करते और घूमते-फिरते देखे जाते थे। पीड़ित परिवार ने दावा किया है कि यह एक पूरा गिरोह है जो पहले छोटी बच्चियों को अपने जाल में फंसाता है और फिर उनके वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का धंधा करता है।