मंदसौर। हाल ही में पिपलियामंडी क्षेत्र के पटवारी दिग्विजयसिंह और एक व्यक्ति की 50 लाख रूपए की घूस का आडियो वायरल होने के बाद भू माफिया कृष्णपालसिंह शक्तावत (केपी सिंह) और दलाल गोविंद पोरवाल के मामले लगातार सामने आ रहे है। केपी सिंह भारतीय जनता किसान मोर्चा प्रकोष्ठ के कोषाध्यक्ष पद पर भी है, केपी सिंह विगत कई सालों से सत्ता और संगठन की आड में राजस्व विभाग में दलाली और जमीनें हडपने के कारनामों को अंजाम दे रहा है। पटवारी के वायरल आडियो में 15 लाख रूपए का आफर लेकर केपीसिंह और गोविंद पोरवाल दोनों तहसीलदार के पास गए थे। इससे सिद्द होता है कि ये केपी सिंह और गोविंद पोरवाल पिपलियामंडी में दलाली कर रहे है। निलंबित पटवारी और केपीसिंह के गठजोड का एक और मामला सामने आया है, जिसमें कर्मचारियों के लिए आवंटित सरकारी जमीन पर दोनों ने करोडों की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली।
मनासा रोड टिलाखेड़ा स्थित सर्वे नंबर 54/6 जिसका कुल रकबा 0.352 हेक्टेयर है। यह जमीन चतुर्थ श्रेणी लघु वेतन कर्मचारी संघ मल्हारगढ़ के आवास हेतु प्रस्तावित थी जिसे मल्हारगढ़ तहसीलदार के आदेश क्रमांक 496 दिनांक 22/2/1997 के अनुसार आवंटित किया गया था और इसका प्रकरण आज दिनांक 8/11/22 तक न्यायालय में विवादग्रस्त होकर लंबित है। लेकिन न्यायायल के आदेश का उल्लंघन करते हुए निलंबित पटवारी दिग्विजय सिंह चुंडावत ने भू माफिया एवं दलाल कृष्णपाल सिंह पिता लाल सिंह शक्तावत तथा गोविंद पिता लक्ष्मीनारायण पोरवाल दोनों से मिलीभगत कर उपरोक्त जमीन को सर्वे नंबर 54/6 मीन 01 एवं 54/6 मीन 03 के रूप में बदलकर दोनों ही रजिस्ट्री करवा दी। कृष्णपाल सिंह शक्तावत के नाम पर 69.64 वर्ग मीटर तथा गोविंद पोरवाल के नाम पर 69.64 वर्ग मीटर की सरकारी जमीन की रजिस्ट्री का मामला सामने आने के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी मौन है। सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के नाम पर निलंबित पटवारी ने मौटी रकम ली गई है।
पिपलियामंडी क्षेत्र में दलाल केपीसिंह और गोविंद पोरवाल बीते कई समय से सक्रिय है और अवैध कार्यो को अंजाम दे रहे है। कई जगहों पर अवैध रूप से कॉलोनी भी काटी गई है और उसमें निलंबित पटवारी की हिस्सेदारी रखी गई है। जिला प्रशासन अगर पटवारी और केपीसिंह तथा गोविंद पोरवाल के मामलों की जांच पडताल करें तो करोडों का जमीन घोटाला इनके द्वारा सामने आएगा।
वित्त मंत्री से नजदीकी होने का करता है दावा— केपीसिंह शक्तावत मूल रूप से दलाल है और दलाली के चक्कर में कई अवैध कार्यों को अंजाम दे चुका है और भाजपा को बदनाम कर रहा है। केपी सिंह वित्त मंत्री जगदीश देवडा से नजदीकी होने का दावा करता है, वित्त मंत्री को चाहिए कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में पनप रहे दलाल, माफिया केपीसिंह और गोविंद पोरवाल पर नकेल कसने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकाारियो को दिशा—निर्देश दे, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में इन दलालों की वजह से भाजपा को नुकसान न उठाना पडे।