नीमच। पंचायती राज में इन दिनों विकास में अशिक्षिता रोडा बनी हुइ है। जिला पंचायत नीमच में 10 सदस्यों में से 8 सदस्य पद पर महिला निर्वाचित हुई है। सिर्फ दो ही पुरूष है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष से लेकर अन्य सदस्य अशिक्षित है और ग्रामीण परिवेश से महिलाएं है। अभी तक करीब दो बैठक जिला पंचायत की हुइ है, लेकिन विकास की बात तक नहीं हुई है। कारण है कि महिला सदस्य अशिक्षित होकर ग्रामीण परिवेश से है। बैठक में सिर्फ अधिकारी ही बोलते रहते है, वे सिर्फ मूकदर्शक बनकर बैठी रहती है, उन्हें कुछ ज्यादा समझ में नहीं आता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति को लेकर शुक्रवार को जिला पंचायत महिला सदस्य लामबंद हुई और उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि बैठक में जिला पंचायत सदस्य के साथ एक प्रतिनिधि को भी बैठने की अनुमति दी जावे।
ये महिलाएं सदस्य है—
जानीबाई धाकड,मंजूबाई भील, सुगनाबाई पूरणमल अहीर, मनीषा धाकड, लता मनीष पोरवाल,धापूबाई श्यामलाल वसीटा, नखरा आ सागर कछावा और टीना परमेश्वर।
सिर्फ दो पुरूष—
एक तो जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जनसिंह चौहान है तो दूसरा सदस्य तरूण बाहेती। जिला पंचायत में पुरूष पद एक चौथाई भी नहीं है।
राज्य शासन ने लगाई हुई है रोक—
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बैठक में महिला सरपंच, पंच, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य व जनपद अध्यक्ष, महिला जनपद अध्यक्ष के रिश्तेदार कोई भाग नहीं ले सकेंगे। पति, पुत्र व अन्य रिश्तेदार किसी भी हैसियत से बैठक में भाग नहीं ले सकते है।