डेस्क। ग्वालियर में देह व्यापार के मामले में हाई कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी दी है। हाईकोर्ट का साफ कहना है कि ग्राहक की सहभागिता के बिना वेश्यावृत्ति संभव नहीं है। यह टिप्पणी एक महीने पहले शहर के पड़ाव इलाका स्थित होटल मयूर से पकड़े गए सेक्स रैकेट के संबंध में दी गई है।
सेक्स रैकेट में लड़कियों के साथ पकड़े गए एक युवक की जमानत याचिका पर यह सुनवाई हुई थी। वेश्यावृत्ति में सहभागिता का हवाला देते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना है कि होटल में मिली लड़कियां अपनी मर्जी से वेश्यावृत्ति नहीं करने आई होंगी। उन्हें मजबूर किया गया होगा। अभी यह मामला जांच में है।
ग्वालियर में देह व्यापार के आरोप में पड़ाव स्थित होटल मयूर से पकड़े गए नीलेश राठौर को हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। 18 अक्टूबर 2022 से जेल में बंद नीलेश ने पहली बार हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई हुई। याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा ग्राहक की सहभागिता के बिना वेश्यावृत्ति नहीं हो सकती।
दरअसल, पड़ाव स्थित होटल में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने याचिकाकर्ता सहित कई लोगों को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसने होटल में कमरा बुक किया था। पुलिस का आरोप है कि वह कमरा नंबर 202 में लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था। हालांकि, ये आरोप अभी सिद्ध होना बाकी है। वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी के साथ लड़की आपत्तिजनक स्थिति में मिली थी, जिसे महिला आरक्षकों की मदद से कपड़े पहनने की अनुमति प्रदान की गई थी। होटल रिकार्ड से भी स्पष्ट नहीं हो रहा कि याचिकाकर्ता ने चेक इन किया है। सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।