चित्तोडगढ। चित्तोडगढ जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में हुए अंधेकत्ल का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतक की सगी बहन ने ही उसे मौत के घाट उतारने की साजिश रची थी। उसने उसके प्रेमी और उसके दोस्त से भाई की हत्या करवाई, क्योंकि भाई प्रेम पसंग में बाधा बन रहा था और वह प्रेमी से शादी करना चाहती थी। उल्लेखनीय है कि मृतक मंदसौर जिले के गरोठ का रहने वाला था और कुछ समय से वह भाटखेडा में रह रहा था। पुलिस ने बहन और उसके प्रेमी व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि दृश्यम फिल्म देखकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि 5 दिसंबर को गंगरार कस्बे में हनुमान मंदिर के पीछे की तरफ किले के नीचे पहाड़ी के ढलान में एक प्राचीन कुएं में एक व्यक्ति का बिना सिर का धड़ मिला था और दूसरे दिन ही उसकी पहचान गरोठ, मंदसौर, एमपी निवासी हाल भाट खेड़ा निवासी महेंद्र (23) पुत्र गोविंद रायका के रूप में हुई थी। महेंद्र अपनी मां आजोदिया बाई और दोनों बहनों तनु उर्फ तनिष्का के साथ भाटखेड़ा अपने मामा शांतिलाल रायका के यहां रह रहा था। धोबियों का मोहल्ला, गंगरार निवासी महावीर पुत्र किशन लाल धोबी भी रहता है। उसका महेंद्र के घर काफी आना-जाना है। इसको देखकर पुलिस को शक हुआ और पता करने पर इसकी जानकारी हुई कि महावीर धोबी और तनु में प्रेम संबंध है। पुलिस ने महावीर धोबी के गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया और तकनीकी जांच की गई। इस पर आरोपी महावीर धोबी की गतिविधियां काफी संदिग्ध पाई गईं। उसे शुक्रवार शाम को गणेश घाटी के पास पहाड़ी से डिटेन कर थाने लाए और पूछताछ की तो महावीर ने महेंद्र की हत्या करना स्वीकार किया। उसने बताया कि इस हत्या की साजिश तनु ने रची थी और इस वारदात में उसका दोस्त गंगरार कस्बा निवासी महेंद्र पुत्र पन्नालाल धोबी और एक बाल अपचारी भी शामिल था, जिसके बाद पुलिस ने एक-एक कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बाल अपचारी को डिटेन कर लिया।
बहन ने बताई लोकेशन— प्रेमी ने गांजा पिलाकर गमछे से गला दबाकर हत्या की और शव को तार से बांधकर कुएं में फेंका—
11 नवंबर को मृतक महेंद्र रायका जब मंदसौर में होटल ढाबों पर काम करता था और जब वह वापस अपने घर आया तो दूसरे दिन ही महेंद्र की बहन तनु और छोटी बहन को बुआ जी के घर बर्थडे पार्टी के लिए कोटा जाना था। महावीर धोबी ने दोनों बहनों को अपनी वेन में बैठकर गंगरार से चित्तौड़ का शहर छोड़ कर आया था। तनु ने महावीर को कहा था कि कोटा से जिस दिन आएंगे, उसी दिन महेंद्र को मारना है। 16 नवंबर को तनु और उसकी छोटी बहन दोनों कोटा से घर आ रही थी। इसी दौरान उन्होंने अपने भाई महेंद्र को फोन कर कहा कि हम आ रहे हैं, महावीर धोबी की मोटरसाइकिल लेकर गंगरार चौराहे पर आ जाना। इस पर महेंद्र घर से दिन के समय पैदल ही गंगरार के लिए रवाना हो गया। तनु ने अपने भाई की लोकेशन महावीर धोबी को बता दी। आरोपी महावीर धोबी अपने बयान लेकर भाटखेड़ा की तरफ गया और रास्ते में महेंद्र रायका को बैठा कर अपने साथ ले गया। उसे गंगरार किले पर हनुमान जी के मंदिर के पास ले गया और अपने दोनों साथियों को भी बुला लिया। वहां पर चारों ने मिलकर गांजा पीया और महेंद्र को सारणेश्वर महादेव मंदिर के आगे सुनसान जगह पर ले जाकर ले गए। वहां तीनों ने मिलकर एक गमछे से महेंद्र का गला घोट दिया और लाश को ठिकाने लगाने के लिए बिजली के वायर से हाथ-पांव बांध दिए। हत्या के बाद रात के करीब 10-11 बजे लाश को किले पर ले जाकर वहां पीछे की तरफ कुएं में डाल दिया और अपने अपने घर चले गए। कुएं में डालने के समय महेंद्र का सिर उसके धड़ से अलग हो गया।