10वीं के बोझ ने मारा डाला, मैं नहीं मरती अगर यह 10वीं नहीं होती: मंदसौर में फेल होने के डर से छात्रा ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पढे 2 पेज के सुसाइड नोट को पढकर आप भी हो जाएंगे हैरान
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: March 1, 2023, 5:43 pm

मंदसौर। मंदसौर जिले के गरोठ थाना क्षेत्र में 15 वर्षीय छात्रा ने इस डर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, कहीं वह 10वीं बोर्ड परीक्षा में फेल न हो जाए, फेल हो जाए तो वह पडौसियों के ताना सुन—सुनकर परेशान हो जाएगा। पुलिस को हाथ लगे 2 पेज के सुसाइड नोट में मरने से पहले छात्रा ने पूरी बात लिखी है और आत्महत्या का जिम्मेदार खुद को ठहराया है।

मध्यप्रदेश में 1 मार्च से एमपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई है। परीक्षा से ठीक एक दिन पहले मंदसौर जिले में दुखद घटना सामने आई है।  मृतक छात्रा गरोठ के निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। आत्महत्या से पहले छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमे उसमें दसवीं बोर्ड में फेल होने और मोटी होने का जिक्र करते हुए लिखा हैं कि वह बोर्ड परीक्षा से काफी डरी हुई है वह फेल हो जाएगी तो उसे सब चिढाएंगे। इसके साथ ही छात्र ने मोटी होने के कारण लोगों के चिढ़ाने का भी सुसाइड नोट में जिक्र किया है। वही मोबाइल में मैसेज रिकॉर्ड भी किया है। छात्रा ने परिजनों को मोबाइल की रिकॉर्डिंग सुनने का जिक्र भी किया है। शाम को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। मामले में गरोठ पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।

यह लिखा सुसाइड नोट में—
सॉरी पापा मम्मी, अपनी मर्जी से अपनी जान दे रही हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी मैं खुद हूं। किसी को परेशान न किया जाए। मैं अपनी खुशी से खुदकुशी कर रही हूं। मैं बहुत ही परेशान हूं। दसवी बोर्ड की वजह से। दसवी बोर्ड है। बोर्ड है। बोर्ड है। इसलिए मैं मरना चाहती हूं। और अच्छे नंबर नहीं आए तो सब चिढ़ाएंगे। और मुझे यह कतई मंजूर नहीं है। इसलिए मैं अपनी जान दे रही हूं। और जब से मैं दसवी में आई हूं। तब से हमारे साथ कुछ शिक्षक भेदभाव करते है। मैं बोलती कि मुझे आता है। मुझसे पूछ लो तो भी नहीं पूछते है। और वह कुछ लड़कियां है उन्ही से पूछते है। और मैं दसवी में आने के बाद से बहुत ही तनाव में हूं। बीच में यह लाकडाउन लग जाने के कारण मुझे पढ़ाई में बहुत तकलीफ हो रही है। और मैं बार-बार बीमार हो जाती थी। तो बहुत खर्चा हो रहा था। अब मेरे चले जाने के बाद वो पैसे दक्षु को दे दिए जाए। मैं कब से जहर खा लेती पर दक्षु की वजह से नहीं खा रही थी। पर अब नहीं रुकूंगी। अब मुझे नहीं जीना है। और मैं मोटी हूं तो सब मजाक बनाते थे। पर मोटी हूं। उसमें मेरी क्या गलती है। बाहर वालों का इतना बुरा नहीं लगता है पर मुझे घर वालों का ज्यादा बुरा लगता है। मैं अपनी खुशी से मर रही हूं।

I love you mumy papa and all good by
अब हमेशा के लिए सब खुश रहना। मैं जा रही हूं। जिंदगी खिलौने की तरह नहीं जीना है। मोटी हूं तो मुझे गर्व है। क्योंकि भगवान ने मुझे ऐसा ही बनाया है। कितनी ही औरते हंसे मै उनके घर खाने के लिए नहीं जा रही थी। दादा से सबसे अधिक प्यार करते थे। उसके बाद पापा और दक्षु। इसलिए जा रही है। दादा के पास। मैं बहुत खुश हूं फोन में कुछ रिकार्ड किया है। सुन जरूर लेना। by by zindgi नाम से सेव किया है। दसवी के बोझ ने मारा डाला मैं नहीं मरती अगर यह दसवी नहीं होती।

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