नीमच। नीमच में शासकीय जमीन पर भू माफियाओं की नजर है, जैसे—तैसे सरकारी जमीन को हडपने में लगे हुए है। एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमें भू माफिया नेे कनावटी श्मशान की जमीन को हडपने का खेल किया, यह जमीन करीब आठ बीघा है और अरबों रूपए की है। नेवड के पास पडत जमीन को विनिमय में देकर कनावटी श्मशान की जमीन हो हथियाने की कोशिश की जा रही है, उक्त जमीन का विनियम भी हो चुका है। अब मामला उजागर होने के बाद जनता में आक्रोश है। सालों से श्मशान की जमीन पर पर्यावरण बचाने के लिए जुटी संकल्प पर्यावरण मित्र संस्था के पदाधिकारी भी मैदान में आ गए हैं। उन्होंने फर्जी तरीके से हुए विनिमय को निरस्त की मांग की है।
नीमच के द्वारा वन विभाग ग्राम पंचायत एवं ग्राम वासियों की संयुक्त सहभागिता से ग्राम कनावटी के मुख्य मार्ग मऊ नसीराबाद रोड किनारे सार्वजनिक मुक्तिधाम में वर्ष 2018-19 में सामान्य वानिकी योजना के तहत पौधारोपण का प्रोजेक्ट स्वीकृत कराया गया था जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा राशि स्वीकृत कर पिछले 4 वर्षों से संकल्प पर्यावरण मित्र संस्था नीमच एवं ग्राम पंचायत के माध्यम इस मुक्तिधाम में 500 से अधिक पौधे लगाकर उनको बड़ा किया जा रहा है। संस्था द्वारा समय-समय पौधों की सुरक्षा के लिए साप्ताहिक अभियान चलाकर पौधों कीनियमित देखरेख की जाती रही है। ग्राम पंचायत कनावटी द्वारा शमशान परिसर में स्थित सार्वजनिक पेयजल के कुवे का रिचार्ज हेतु तलैया का निर्माण भी किया गया है। उक्त संबंध में पर्यावरण प्रेमी जगदीश शर्मा द्वारा जानकारी देते बताया कि संस्था के सदस्यों को ज्ञात हुआ है कि इस शमशान की भूमि के हिस्से को नीमच निवासी मनोरमा देवी अग्रवाल विनिमय की आड़ में अपने नाम पर करवा कर तलैया एवं मुक्तिधाम की जमीन पर कब्जा करने हेतु प्रयासरत हैं। इस प्रकार मुख्य मार्ग से लगी बहुमूल्य करोड़ों रुपए की भूमि मुक्तिधाम कनावटी के उपयोग में आती है इस भूमि को विनिमय के आधार पर कब्जे का प्रयास करने को लेकर ग्राम पंचायत एवं ग्राम वासियों में आक्रोश हैं। संकल्प पर्यावरण मित्र संस्था नीमच कि मेहनत और ग्राम वासियों एवं वन विभाग के सहयोग पिछले चार-पांच वर्षों से पौधारोपण का कार्यक्रम किया जा रहा है इस कार्य में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग और ग्राम पंचायत के साथ आज शासन का लाखों रुपए का खर्च हो चुका है । संकल्प पर्यावरण मित्र संस्था के बैनर तले इस भूमि को बचाने हेतु संस्था के संरक्षक नवीन अग्रवाल, अजय भटनागर, जगदीश शर्मा,ओ पी सिहल, ओम प्रकाश अग्रवाल, राजेंद्र जारौली, डॉ यशवंत पाटीदार, डॉक्टर पारस जैन एवं संस्था अध्यक्ष सचिव किशोर बागड़ी, डॉ राकेश वर्मा सहित संस्था के अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यगण रमेश मोरे, राजकुमार सिन्हा, दुलीचंद कनेरिया, हरीश उपाध्याय, रितु नागदा, डॉ राजकुमार मालानी, केशव मनोहर सिंह चौहान आदि की उपस्थिति में शीघ्र ही लिखित में आवेदन प्रस्तुत कर जिलाधीश महोदय को अवगत कराते हुए सार्वजनिक मुक्तिधाम की भूमि को किसी भी परिस्थिति में विनिमय की आड़ में भू माफिया के कब्जे में नहीं जाने देगी और यदि इस संबंध में न्यायालयीन प्रकरण में शासन सार्वजनिक हित में जिला प्रशासन ग्राम पंचायत राजस्व विभाग के माध्यम से शासन का प्रबल समर्थन कर शमशान की भूमि का विनिमय आदेश निरस्त हेतु नियमानुसार उचित कार्रवाई करने की मांग करेगा।
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मामला कोर्ट में विचाराधीन
दरअसल, नीमच में निवासी मनोरमा ने प्रशासन से कनावटी के सर्वे नंबर 569 की जमीन खेती के लिए मांगी थी। जिसके बदले ग्राम नेवड़ स्थित जमीन देने का प्रस्ताव रखा था लेकिन प्रशासन ने उसे ठुकरा दिया तो प्रशासन पर नामांतरण के लिए उनपर दबाव बनाया गया। राजस्व मंत्री से मिलकर उनके लेटर पेड पर जमीन देने की अनुशंसा लिखवाई। फिर भी बात नहीं बनीं तो बेवजह मामले को घसीट कर न्यायालय ले जाया गया, जहां साल 2008 से मामला अटका हुआ है।