मंदसौर। मंदसौर पुलिस ने कंजरो पर शिकंजा कसने का प्लान तैयार कर लिया है। जिले में वर्षों से कंजरो के आतंक से परेशान ग्रामीणों को अब मुक्ति मिल सकती है। इस बार पुलिस ने कंजरो से गठजोड़ रखने वाले करीब दो दर्जन दलालों की लिस्ट तैयार की है। सबसे पहले इन पर शिकंजा की तैयारी की जा रही है। कंजरो के नेटवर्क को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी को दी है। एसडीओपी द्वारा तकनीकी और दस्तावेजी आधार पर मंदसौर में वारदात करने वाले राजस्थान के कंजर डेरों को चिह्नित कर उनमें रहने वाले कुख्यात कंजरों और मंदसौर जिले में रहने वाले उनके सहयोगियों की 25 से 30 लोगों की सूची तैयार की है। कंजरों की गैंग इन्हीं सहयोगियों अर्थात बिचौलिए के जरिए ग्रामीण इलाकों में वारदातों को अंजाम देते हैं। इन पर शिकंजा कसने के साथ अब तक हुई वारदातों में शामिल कंजरों की ट्रेस किया जा रहा है।
राजस्थान से आकर करते है वारदात—
कंजर राजस्थान से सटी मध्यप्रदेश की सीमा में आकर वारदातों को अंजाम देते है। राजस्थान के गंगधार से सीतामऊ सुवासरा की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। रात होते ही कंजर मध्यप्रदेश की सीमा में आकर वारदात को अंजाम देते है। पुलिस ने राजस्थान के झालावाड़, गंगधार के करीब डेढ़ दर्जन कंजरो के डेरो की कुंडली तैयार की है। हालांकि पुलिस ने जब भी इन डेरों में दबिश दी है तब पुरुष फरार ही मिले है। कंजर अपने समाज के साथ गांव से दूर अपनी आबादी में रहते हैं। इसे कंजरो के डेरा कहते है। पुलिस ने मुंडला डेरा, कोलवी गुर्जर का डेरा, अरनिया डेरा, टोकडा डेरा, लाखा खेड़ी डेरा, हाजड़िया , रावतपुरा, कोलवा गुर्जर, बामन देवरिया, तितरवास जैसे डेरो की कुंडली तैयार की है।
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भानपुरा पुलिस ने मिनी गोवा कंवला से पकडे कंजर—
भानपुरा थाना प्रभारी अवनीश श्रीवास्तव के नेतृत्व में गोवा से चार कंजरो को पकडा है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है। इनके कब्जे से बोलेरो वाहन जब्त किया है, जो चोरी का है। टयूब से मिनी गोवा चंबल नदी में ये बदमाश सैर कर रहे थे। आरक्षक आरक्षक शैतान कछावा और प्रधान आरक्षक सोनू ठाकुर ने दबंगता से इन कंजरों को पकडा है।