प्रतापगढ़
राजस्थान और मध्यप्रदेश का कुख्यात ड्रग माफिया और कई अवैध धंधों में लिप्त कमल राणा को जयपुर क्रांइम ब्रांच ने शिर्डी से गिरफ्तार किया था। प्रतापगढ़ पुलिस ने राणा को ट्रांजेक्शन वारंट से गिरफ्तार किया है। राणा से छोटीसादड़ी थाने में डोडा चूरा तस्करी करने और पुलिस पर फायरिंग के मामले में पूछताछ होगी।
क्राइम ब्रांच जयपुर ने राणा को महाराष्ट्र के शिर्डी से गिरफ्तार किया था। राणा पर राजस्थान पुलिस ने 50 हजार व मध्यप्रदेश पुलिस ने 20 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था। प्रतापगढ़ जिले के रहने वाला कमल राणा लंबे अर्से से मोस्ट वांटेड था।
उस पर हत्या, लूट, डकैती, हत्या का प्रयास, फायरिंग, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस के मामले चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, सिरोही, पाली, बाड़मेर, उदयपुर सहित एमपी के कई थानों में मामले दर्ज हैं। राणा के खिलाफ करीब 36 मामले दर्ज हैं।
प्रतापगढ़ जिले के रठांजना थानांतर्गत बंबोरी निवासी कमल राणा का नीमच व मंदसौर, राजस्थान के प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिलों के सीमावर्ती गांवों में नेटवर्क है। कई जगह उसके गुर्गे हैं। जिनके माध्यम से वह तस्करी का रैकेट चलाता है। कमल मुख्य तौर पर एनडीपीएस तस्करी कराता है।
राणा की गिरफ्तारी के बाद से अन्य जिलों व थानों की पुलिस द्वारा भी उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तारी का सिलसिला चलेगा। मेवाड़ का सबसे बड़ा तस्कर है कमल राणा, मारवाड़ में शादी हुई इसलिए वहां के तस्करों से भी सांठगांठ: साल 2000 से डोडा चूरा अफीम तस्करी के काम को शुरू करने वाला कमल राणा सबसे पहले 2005 में 55 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सिरोही में गिरफ्तार हुआ था।
अपराधी कमल राणा की मारवाड़ में शादी व रिश्तेदारी होने से मारवाड़ के तस्करों से भी अच्छी जान पहचान है। इसके साथ ही अपराधी की मेवाड़ क्षेत्र के किसानों में मजबूत पकड़ होने से उसे हर कोई मादक पदार्थ उपलब्ध करा देता है। आरोपी कमल राणा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लग्जरी गाड़ियों में डोडा चूरा मारवाड़ के तस्करों को सप्लाई करता है। 2010 के बाद कमल सिंह राणा ने कई स्थानों पर पुलिस द्वारा की जाने वाली नाकाबंदी को तोड़ा है।