नीमच। महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल के भतीजे के हाथों दुर्घटना हुई थी, भतीजा इंदौर पुलिस कमिश्नर में आरक्षक है, लेकिन टीआई अनुराधा गिरवाल ने कलाकारी कर ड्रायवर ही बदल दिया। बताया जा रहा है कि टीआई ने खुद के प्रभाव का उपयोग किया और भतीचे को बचाते हुए दूसरे पर केस दर्ज करवा दिया। यह मामला पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी तक पहुंच गया हैं। सूत्र यह भी बताते है कि महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल ने अपने प्रभाव का तो उपयोग किया ही साथ ही रिश्वत भी इस काम के बदले कैंट थाने में दी गई थी। ड्रायवर बदलने का मामला उछलने के बाद महिला थाना टीआई अनुराधा गिरवाल हकरत में आ गई है। मिली जानकारी के अनुसार 28 जून 2023 को नीमच के श्री किलेश्वर महादेव मंदिर रोड पर एक एक स्कार्पियों ने बाइक सवार मार दी। यह स्कार्पियों ने महिला थाना टीआई अनुराधा गिरवाल का भतीजा मयंक गिरवाल चला रहा था, मयंक गिरवाल इंदौर में पुलिस कमिश्नरी में आरक्षक के पद पर तैनात है, लेकिन डयूटी से गायब था। आरक्षक पर इंदौर पुलिस कमिश्नर कार्रवाई न कर दें, इससे बचने के लिए ड्रायवर बदलने की योजना बनाई और टीआई अनुराधा गिरवाल ने अहम रोल निभाया। इस घटना के बाद से ही आरक्षक मयंक गिरवाल डयूटी से गैर हाजिर चल रहा है। विनोद रघुवंशी नामक ड्रायवर के नाम से केस दर्ज किया है, जबकि स्कार्पियों को आरक्षक मयंक गिरवाल चला रहा था।
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पैसे देकर दूसरे व्यक्ति को तैयार किया— सूत्र बताते है कि विनोद रघुवंशी नामक व्यक्ति को पैसा देकर तैयार किया। सीसीटीवी कैमरे व मोबाइल की टॉवर लोकेशन का पता लगाया जावे तो मयंक ही गाडी चला रहा था, जो कि उसकी पत्नी अर्चना गिरवाल के नाम आरटीओ में पंजीकृत है।
आगे क्या— ड्रायवर बदलने के मामले को लेकर महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल पर कार्रवाई हो सकती है, वहीं उनके भतीजे आरक्षक मयंक गिरवाल पर भी। इसके साथ ही कैंट थाने में जांच अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है।