नीमच। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दागी अफसरों की मैदानी स्तर पर तैनाती न करने के आदेश जारी कर रखे है, लेकिन नीमच जिले में एकमात्र महिला थाने की कमान रिश्वतखोर महिला टीआई अनुराधा गिरवाल के हाथों में है। थाने में लाडली बहनों के साथ टीआई अनुराधा गिरवाल द्वारा दुव्यवहार किया जा रहा है, वहीं बिना पैसे कोई काम भी नहीं हो रहा है। रिश्वतकांड का आॅडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन एसपी मनोजकुमार राय ने कार्रवाई करते हुए लाईन अटैच कर दिया था, लेकिन बाद में जोडतोड बैठाकर टीआई अनुराधा गिरवाल ने महिला थाना प्रभारी का पद हासिल किया है। महिला थाने में टीआई अनुराधा गिरवाल के काम से कोई भी संतुष्ट नहीं है। जांच के नाम पर लीपापोती ही होती है, वहीं पैसे देने वालों के काम तुरंत हो जाते है। अगर महिला थाने में हो रही भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जांच पडताल की जाए या फिर महिला थाने में पदस्थ अन्य पुलिसकर्मियों से गौपनीय स्तर पर फिडबैक लिया जाए तो थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल की कार्यशैली का खुलासा आसानी से हो सकता है। महिला थाने से पहले अनुराधा गिरवाल अजाक थाने में थी। फरियादी से पैसों की मांग करने का आॅडियो वायरल 2020 में हुआ था, इसके बाद यहां से हटा दिया, कुछ माह तक लाइन में रहने के बाद वापस थाने की कमान सौंप दी गई। इधर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के स्पष्ट आदेश है कि घूसखोर व रिश्वतखोर अधिकारी को महत्वपूर्ण पदों से दूर रखा जाए, लेकिन महिला थाने की कमान रिश्वतखोर महिला थाना प्रभारी के हाथों में है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे थाने को किस तरह से चलाती होेंगी। कई बार पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद पीडित महिला की रिपोर्ट लिखी जाती है।