मंदसौर। मंदसौर जिले में अब तक का रिकार्डतोड मादक पदार्थ के मामले में तोडबटटा चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों ने बताया कि मंदसौर जिले के दो सब इंसपेक्टर और पिपलखूटा गांव का एक तस्कर कोटा एनसीबी के हत्थे चढ गए थे। करीब 3 करोड रूपए में तोडबटटा होने की खबर है। इनके पास भारी मात्रा में स्मैक थी, इन दोनो सब इंसपेक्टर के साथ तस्कर क्या कर रहा था, क्या प्लॉन के तहत ये खरीदार बनकर कोटा क्षेत्र में किसी को शिकार बनाने के लिए निकले थे, ऐसे कई सवाल है, जो तस्कर के साथ होने के कारण पैदा हो रहे है। एक साइबर एक्सपर्ट सब इंसपेक्टर है तो दूसरे के पास थाना क्षेत्र में रहने का ज्यादा अनुभव है, लेकिन दोनों युवा है। दोनों सब इंसपेक्टर की मादक पदार्थों की धरपकड के मामले में इनका नाम चलता है और कई सालों से दोनों की जोडी भी नंबर वन है। एक सब इंसपेक्टर साइबर सेल में रहते हुए तस्करों के सर्विलांस पर डालकर उन पर नजर रखता है और उनकी जानकारी दूसरे थाने में तैनात सब इंसपेक्टर को उपलब्ध करवाता था, इस तरह बडी—बडी मादक पदार्थों की खेप इन्होंने पकडी है। लेकिन इस बार खुद ही जाल में फंस गए। बताया जा रहा है कि एक बडे तस्कर को लेकर साथ में भारी मात्रा में स्मैक लेकर ये कोटा की तरफ गए थे, वहां पर एनसीबी की टीम ने इन्हें पकड लिया। फिर क्या था केस भी बन रहा था। इन्हें बखूबी पता था कि केस बनने के बाद न तो वर्दी भी नहीं रहेगी और दस सालों तक जेल में रहेंगे। करोडों रूपए का आॅफर इन्होंने दिया। करीब तीन करोड में तोडबटटा हुआ और इन्हें छोडा। यह राशि अब तक सबसे बडे तोडबटटे की बताई जा रही है। मालवा में अब तक इतनी राशि का तोडबटटा नहीं हुआ। विभिन्न जांच एजेंसिया भी सक्रिय हो गई है। इधर एनसीबी के मुख्यालय तक भी यह खबर पहुंच गई है कि एमपी के दो सब इंसपेक्टर और एक तस्कर से डिलिंग कर छोडा गया। जल्द ही इनके नाम भी प्रकाशित किए जाएंगे और अधिक जानकारी के साथ अगली खबर में पाठकों तक पहुंचाई जाएगी।