मंदसौर। मंदसौर जिले में पिछले तीन दिनों में तीन रेप के मामले सामने आए हैं। सभी पीड़ित महिलाओं की शिकायत दर्ज करने में पुलिस आनाकानी करती रही, इसके बाद बमुश्किल सामाजिक संस्थाओं, मीडिया और अन्य लोगों के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों के खिलाफ रेप के मामले दर्ज किए गए। यह स्थिति तब है जब हाल ही में संसद में 33 फीसदी महिला आरक्षण बिल पास हुआ है। राज्य सरकार महिलाओं के प्रति संवेदनशील है और तुरंत पीड़ित महिलाओं की शिकायत पर एफआईआर करने निर्देश हैं।
पहला मामला—
पहला मामला शहर के महिला थाने का है जहां पीड़ित महिला को बिजली कम्पनी में कार्यरत कर्मचारी वीरेंद्र पिता रमेश चंद्र हाड़ा ने महिला को शादी का झांसा देकर एक साल लिव-इन में रखा और रेप करता रहा। महिला गर्भवती हुई तो उसे घर से निकाल दिया। महिला कई दिनों से थानों के चक्कर लगा रही थी लेकिन उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। बाद में समाजिक संस्थाओं और मीडिया के हस्तक्षेप के बाद महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवार ने गुरुवार दोपहर में बिजली कम्पनी कर्मचारी वीरेंद्र हाड़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 2 ए, और 506 का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। गुरुवार रात जिला अस्पताल में पीड़ित महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
दूसरा मामला—
दूसरे मामले में अधिवक्ता धर्मेंद्र सोलंकी ने युवती को साथ प्रेम-प्रसंग के बाद रेप की वारदात की थी। कई दिनों में युवती कोतवाली थाने चक्कर लगा रही थी। युवती ने उच्च अधिकारियों को शिकायत की। इसके बाद गुरुवार की रात अधिवक्ता के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया।
तीसरा मामला—
तीसरे मामले में शामगढ़ थाना क्षेत्र की महिला को बिसानिया गांव के सरपंच गोविन्द सिंह राठौर ने लाडली बहना योजना में आवास दिलाने का बहाना बनाकर घर बुलाया और फिर उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। महिला का आरोप है कि वह अपने साथ हुई घटना की शिकायत दर्ज करवाने शामगढ़ थाने गई थी जहां उसे पुलिस ने सुबह से शाम तक बिठाकर रखा इसके बाद सुबह वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मंदसौर शहर के महिला थाने यहां भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। आवेदन देने के बाद अधिकारियों के दबाव में शामगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई।