सरकारी चावल तस्करी के मामले में खूब की नेतागिरी,मंदसौर के कंट्रोल वाले नेताजी मामला रफा—दफा करने के प्रयास किए
  • Reporter : dashpur live desk
  • Updated on: October 15, 2022, 5:06 pm

मंदसौर। सरकारी चावल की तस्करी के मामले में कुख्यात तस्कर जयकुमार उर्फ बाबू सिंधी का भतीजा सन्नी सिंधी को वायडीनगर पुलिस ने रंगे हाथों पकडा था। जैसे ही पुलिस ने यह कार्रवाई की तो सरकारी चावल व गेहूं की तस्करी करने वाले गिरोह में हडकंप मच गया। गैंग के सदस्य बचाने के लिए अफसरों व कर्मचारियों को मोबाईल लगाते रहे। सूत्रों ने बताया कि भाजपा से जुडे हुए एक महाबली कंट्रोल वाले नेताजी ने खूब प्रयास किए, उसके द्वारा प्रयास करना भी लाजमी था कि खुद वह गिरोह का मुखिया है, नेताजी की दुकानदारी भी सालों से कंट्रोल के गेहूं व चावल, केरोसिन से चल रही है। मंदसौर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि जिन—जिन व्यक्तियों ने सरकारी चावल चोर को बचाने के लिए जिन—जिन अधिकारियों कर्मचारियों को कॉल किया है, उनके मोबाईल नंबर ट्रेस कर उन्हें भी सह आरोपी बनाया जाना चाहिए, तभी पूरे नेटवर्क का खात्मा होगा।
कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी पूर्व में मंदसौर में आटा चक्की की आड में राशन के गेहूं व चावल, केरोसिन की कालाबाजारी करता था। एक लूना के जरिए राशन औनेपौने दामों में एकत्रित करता था और बाद में उसे कालाबाजारी में बेचता था। कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी का पैतृक धंधा कालाबाजारी है। बाद में उसने सभी सगे रिश्तेदारों को मादक पदार्थों की तस्करी में उतार दिया लेकिन मूल काम चिंदा चोरी से इनका गहरा नाता लगातार रहा। मंदसौर में बाबू के भाई और भतीजे सरकारी योजनाओं में चिंदा चोरी कर रहे है। लंबे समय से सरकारी गेहूं,चावल जो हर माह गरीबों को दिया जात है, उस पर डाका डालकर अपने आप को सुपर बिजनेसमैन बता रहे है। मंदसौर पुलिस ने कुख्यात तस्कर बाबू के भतीजे सन्नी सिंधी से सात क्विंटल चावल जब्त किया तो इस गिरोह में अफरा—तफरी मच गई। पुलिस सख्ती से पूछताछ कर नाम न उगला ले, इसलिए कंट्रोल वाले मंदसौर के नेताजी की नींद उड गई। राशन चोर सिंधी को बचाने के लिए खूब प्रयास किए, उस पर कालाबाजारी की धारा न लगाते हुए आवश्यक खाद्व वस्तु अधिनियम के तहत ही प्रकरण दर्ज किया गया। भाजपा से जुडे हुए महाबली इस नेताजी के प्रयास मंदसौर में चर्चा का विषय बने हुए है। ये वही नेताजी है जो पूर्व में मंदसौर नपा अध्यक्ष का सपना देख रहे है। ऐसे नेताजी का चरित्र और चेहरा सभी के सामने आना चाहिए।
पुलिस गिरोह की तह तक जाए तो होंगे कई खुलासें— यह मामला एक सन्नी सिंधी तक सीमित नहीं है। सूत्र बताते है ​बाबू सिंधी के सभी भाई और भतीजे मंदसोर के मोहल्ले से सरकारी चावल व गेहूं एकत्रित करने का काम करते है और ये बाद में बडे व्यापारियों के यहां बेच देते है। पांच से दस रूपए किलो चावल व गेहूं लेते है और पांच रूपए का मुनाफा कमाते है। सन्नी सिंधी उसी नेटवर्क का एक हिस्सा है, पुलिस को सन्नी की कॉल डिटेल्स, उसके परिवार वालों की ग​तिविधियों की जांच पडताल किया जाना चाहिए, ताकि कौन—कौन लोग सरकारी राशन को डकारने में लगे हुए है, इसका पर्दाफाश हो सके।

 

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