मंदसौर—नीमच। इन दिनों केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग द्वारा नीमच, मंदसौर जिले में वर्ष 2022—23 के लिए अफीम के पटटे प्रदान किए जा रहे है। अफीम पटटों के नाम पर दोनों जिलों में किसानों से पैसा लेने की खबर सामने आई है। सूत्रों की मानें तो मुखिया 20 से लेकर 80 हजार प्रत्येक किसान से ले रहे है। बडे पैमाने पर चुपचाप किसानों से पैसा लेने का काम चल रहा है। यह पैसा नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों को देकर पटटा लेने के नाम लिया जा रहा है। नीमच जिले में करीब 15 हजार और मंदसौर जिले में करीब 17 हजार किसानों को इस वर्ष पटटे दिए जाएंगे। अधिकांश किसानों से रिश्वत की राशि ली जा रही है। किसान भी खुलकर नहीं बोल रहे है। किसानों को उम्मीद है कि उन्हें पटटा मिल जाएगा। सीपीएस पद्दति वालों से भी रिश्वत ली जा रही है। नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जांच करें तो होंगे कई बडे खुलासें— भ्रष्टाचार व रिश्वत पर नियंत्रण रखने वाली एजेंसी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों को नीमच मंदसौर जिले में सरेआम किसानों से ली जा रही अफीम पटटो के मामले में रिश्वत को संज्ञान में लेना चाहिए। गौपनीय तरीके से जांच की जाए तो नारकोटिक्स विभाग में सबसे बडा रिश्वतकांड सामने आएगा। नीमच व मंदसौर जिले में करीब एक हजार करोड से अधिक की रिश्वत ली जा चुकी है।
महाप्रबंधक शशांक यादव पकडा चुका है रिश्वत के मामले में—
जुलाई 2021 में कोटा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक (आईआरएस) शशांक यादव से १६.३२ लाख मिठाई के डिब्बो से जब्त कर गिरफ्तार किया था। यह रिश्वतकांड काफी सूर्खियों में रहा था। मुखिया अफीम काश्तकारों से मौटी रकम लेते थे और महाप्रबंधक तक पहुंचाते थे।
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मंदसौर कांग्रेस नेताओं ने दिया ज्ञापन, बोले रिश्वतखोरी बद की जाए—
अफीम किसानों की मांगों को लेकर सोमवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए सेंट्रल नारकोटिक्स अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। आज दोपहर में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री के नेतृत्व में जिला कांग्रेस ने अफीम उत्पादक किसानों की दस सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।कांग्रेस नेता परशुराम सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी नए बहाल हुए पट्टा वितरण में भ्रष्ट्राचार कर रहे है। पट्टा देने के नाम पर 50 से 80 हजार रुपए किसानों से मांगे जा रहे हैं। वहीं मृतकों अफीम किसानों के परिजनों वे नाम पर लायसेंस ट्रांसफर करने के नाम पर भी किसानों से रुपयों की मांग की जा रही है। आरोप है कि अधिकारियों और किसानों के बीच दलाल सक्रिय, लिहाजा कांग्रेस ने जारी किए गए लायसेंस की सूची को सार्वजनिक करने की मांग की हैं। वहीं सीपीएस पद्धति बंद करने और वर्ष 1995-96 के निरस्त हुए पट्टे भी बहाल करने की मांग की गई है। कांग्रेस ने अफीम के मूल्य वृद्धि करने की मांग के साथ मुखियाओं का कमीशन बढ़ाने की मांग ज्ञापन में की गई हैं।